अस्थमा के लक्षण, कारण और इलाज | Asthma Ka Ilaj

Asthma Ka Ilaj : इस विश्व में आप जहां भी नजर उठा कर देखेंगे तो आपको हर व्यक्ति किसी न किसी रोग के कारण परेशान दिखेगा और यह मानव सभ्‍यता के लिये काफी हानिकारक है। वर्तमान समय में व्यक्ति अपनी जीवनशैली में इतना व्यस्त हो गया है कि वह खुद का ठीक तरह से ध्यान नहीं रख पा रहा है। जिस कारण वह कई सारी बीमारियों का शिकार हो रहा है‚ जैसे किसी को कैंसर है तो किसी का ब्लड प्रेशर हाई है वहीं किसी को अस्थमा है तो किसी को साइनस है। दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग है जो किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं। तो आइये आज हम इस लेख में अस्थमा रोग के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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अस्थमा क्या है (What is Asthma in Hindi)

अस्थमा को सरल भाषा में दमा भी कहते हैं। यह सांस फूलने का एक रोग है जब सांस लेने वाली नलियों में खराबी या फिर फेफड़ों की नली पतली हो जाती है तो उसकी वजह से रोगी को सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। सांस फूलने की परेशानी को ही अस्थमा या दमा का रोग कहते हैं। अस्थमा में कई रोगियों को दौरे भी पड़ने लगते हैं। दमा का सबसे अच्छा उपचार इनहेलर माना जाता है।

अस्थमा के प्रकार (Types of Asthma in Hindi)

अस्थमा के कई प्रकार होते हैं जिनमें से मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं –

  • एलर्जिक अस्थमा (Allergic Asthma)
  • नॉन एलर्जिक अस्थमा (Non Allergic Asthma)
  • सिजनल अस्थमा (Seasonal Asthma)
  • अकुपेशनल अस्थमा (Occupational Asthma)

एलर्जिक अस्थमा (Seasonal Asthma)- यह व्यक्ति को बाहर के वातावरण में पाये जाने वाले धूल मिट्टी के कण के सम्पर्क में आने से होता है इससे व्यक्ति की सांस फूलने लगती है जिस कारण उसे एलर्जिक अस्थमा होने लगता है।

नॉन एलर्जिक अस्थमा (Non Allergic Asthma)- यह व्यक्ति को बहुत सर्दी या खाँसी होने पर होता है तनाव भी इसका एक कारण हो सकता है।

सिजनल अस्थमा (Seasonal Asthma)- इस प्रकार के अस्‍थमा में मौसम की नमी काफी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह व्यक्ति को पूरे साल में न होकर बरसात के मौसम में नमी के कारण होता है।

अकुपेशनल अस्थमा (Occupational Asthma)- जो व्‍यक्‍ति औद्योगिक क्षेत्रों में रहते हैं उनमे इस प्रकार के अस्‍थमा होने की शिकायत ज्‍यादा देखने को मिलती है। यह फैक्टरी से निकलने वाले धुंए के कारण व्यक्ति को होता है।

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अस्थमा रोग के कारण (Reasons of Asthma in Hindi)

अस्थमा रोग के कई सारे कारण होते हैं जैसे–

  • कारखानों व भट्टियों से निकलने वाले धुंए के कारण।
  • जल्दी जल्दी चलने के कारण।
  • वातावरण में धूल मिट्टी के कण के सम्पर्क में आने से।
  • मौसम बदलने के पश्चात्।
  • श्वसन नली में इंफेक्शन के कारण।
  • एलर्जी की वजह से।
  • आनुवांशिक कारण।

अस्थमा रोग के लक्षण (Asthma Symptoms in Hindi )

अस्थमा (दमा) रोग होने पर रोगी को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत होती है इसके अलावा अस्‍थमा के और भी कई सारे लक्षण होते हैं। अस्थमा के लक्षणों के बारे में जितना जल्दी पता चलेगा उतना जल्दी उसका इलाज कर पाना सम्‍भव होगा। आप दमा के लक्षणों को पहचानकर उसका घरेलू इलाज (Asthma ka Ilaj) भी कर सकते हैं। अस्‍थमा के अन्‍य लक्षण निम्‍नवत् हैं–

  • कई बार खाँसी आना ज्यादातर दौरे के साथ खाँसी आना।
  • सांस लेते समय गले से सीटी जैसी आवाज निकलना।
  • सीने में जकड़न तथा भारीपन लगना।
  • बार बार साँस फूलना।
  • खांसते समय तकलीफ होना और बलगम का न निकल पाना।
  • गले का अवरूद्ध एवं सूखना।
  • बेचैनी होना।
  • नाड़ी गाति का तेज होना।

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अस्थमा रोग का इलाज (Asthma Treatment)

आज के समय में अस्थमा का ठीक प्रकार से कोई उपचार नहीं है परन्तु कुछ घरेलू उपचार दमा के लक्षणों को कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। जिससे आप ठीक प्रकार से अपना जीवन व्यतीत कर सकें। अस्थमा के लिए इनहेलर मुख्य इलाज है जो आपको सांस लेने में मदद करता है यदि आपको दमा ज्यादा गंभीर है तो आपको डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं को प्रयोग करना चाहिये या घरेलू उपचारों को अपनाना चाहिए ताकि आपके अस्थमा रोग जल्द से जल्द इलाज हो सके।

अस्थमा रोग का घरेलू इलाज (Home Remedies For Asthma in Hindi)

अस्थमा रोग को ठीक करने के कुछ घरेलू उपचार निम्नवत् हैं–

लहसुन का प्रयोग अस्थमा के लिए लाभकारी (Garlic Benefits in Asthma in Hindi)

  • अस्थमा रोग का घरेलू इलाज करने के लिए आपको लहसुन का प्रयोग करना चाहिए। लहसुन दमा के मरीज के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके लिए आप 30 मिलीलीटर दूध में 5 से 6 लहसुन की कलियों को डालकर उबाल लें। इस मिश्रण का प्रतिदिन इस्तेमाल करने से अस्थमा को जड़ से ठीक किया जा सकता है।

अंजीर से पाये अस्थमा में आराम (Anjeer Benefits in Asthma )

  • अंजीर अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत गुणकारी होता है। यह सीने में बलगम को जमने से रोकता है। सूखी अंजीर को आप रात भर गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इससे श्वास नली में जमा कफ पतला होकर बाहर निकल जाता है। यह दमा के रोगियों (Asthma ka Ilaj) के लिए एक अच्छा उपचार होता है।

अजवाइन अस्थमा के लिए लाभदायक (Celery Benefits in Asthma)

  • दमा से कई सारे लोग ग्रसित रहते हैं। यदि आप अस्थमा के रोग से ग्रसित है तो आपके लिए यह बहुत सरल उपाय है। दमा को हमेशा के लिए ठीक करने के लिए आपको अजवाइन के पानी का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आप पानी में अजवाइन डालकर कुछ देर तक इसे उबाल लें। फिर इस पानी से अपने मुंह पर भाप लें। यह दमा का जड़ से उपचार करता है।

अदरक का प्रयोग अस्थमा के मरीज के लिए उपयोगी (Ginger Benefits in Asthma)

  • अस्थमा का उपचार (Asthma ka Ilaj) करने के लिए आप अदरक का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके प्रयोग के लिये आप अदरक की चाय बना लें और उसमें लहसुन की 2 से 3 पिसी कलियों को मिला लें फिर आप इसका सेवन करें। दमा के रोगियों के लिए यह पेय काफी आरामदायक साबित होता है।

प्याज अस्थमा के रोगी के लिए फायदेमंद (Onion Benefits in Asthma)

  • दमा में व्यक्ति को कच्चे प्याज का सेवन करना चाहिए। अस्थमा के रोगी के लिए कच्चे प्याज का उपयोग करना फायदेमंद होता है। क्योंकि प्याज में सल्फर पाया जाता है जो फेफड़ों में होने वाली जलन व अन्य समस्याओं को कम करता है। प्याज अस्थमा को ठीक करने में काफी मददगार हो सकता है।

हल्दी वाले दू़ध से पायें अस्थमा में राहत (Turmeric Benefits in Asthma)

  • हल्दी सभी के घरों में पाया जाने वाला एक गुणकारी मसाला है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी–फंगल गुण पाये जाते हैं अगर आप अस्थमा में हल्दी वाले दूध का प्रयोग करते हैं तो यह अस्‍थमा रोगी के लिये काफी फायदेमंद होता है।

आंवला पाउडर से पाये अस्थमा में आराम (Amla Benefits in Asthma)

  • आयुर्वेदिक डॉक्टरों के मुताबिक आंवला में रसायन गुण पाया जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर दमा को ठीक करने में हमारी सहायता करता है। इसलिए आपको नियमित तौर से आंवला के पाउडर का प्रयोग करना चाहिए। यदि आप चाहें तो बाजार में उपलब्ध में आंवला कैंडी का भी प्रयोग कर सकते हैं।

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अस्थमा में बड़ी इलायची लाभकारी (Cardamom Benefits in Asthma)

  • अस्थमा के मरीज के लिए बड़ी इलायची काफी फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें कफ शमन का गुण पाया जाता है। जो शरीर में जमे बलगम को कम करता है। बलगम के कम होने की वजह से अस्थमा के लक्षणों में भी काफी कमी आती है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि बड़ी इलायची के प्रयोग से अस्थमा को ठीक किया जा सकता है।

अस्थमा में डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए

प्रातः काल व्यायाम और ताजी हवा के कारण भी अस्थमा बढ़ जाता है। इसका सही समय पर इलाज न करने पर फेफड़ों में वायु प्रवाह गंभीर रूप से अवरूद्ध हो जाता है जो कभी –कभी मुत्यु का कारण भी बन जाता है। जब अस्थमा के लक्षण ज्यादा बढ़ने लगें या अधिक दिनों तक रहें तो आपको तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए। यदि आपको ज्यादा परेशानी न हो तो आप घरेलू उपचारों की सहायता से भी दमा को ठीक कर सकते हैं।

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अस्थमा के रोगी को क्या खाना चाहिए (How to Eat in Asthma)

अस्थमा से पीड़ित रोगी को इन आहारों का सेवन करना चाहिए। जैसे–

  • खाने में गेंहू, पुराना चावल, मूंग, जो का सेवन करें।
  • दमा के रोगी को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए, जैसे पालक, मूली, गाजर आदि।
  • भोजन में लहसुन, अदरक, हल्दी व काली मिर्च का उपयोग अवश्य करें।
  • प्रतिदिन गुनगुने पानी का सेवन करें।
  • शहद का प्रयोग करें।

अस्थमा (दमा) के रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए

दमा के मरीज को अपने भोजन में कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए।

  • मांस, मछली, ठोस भोजन और तले हुए भोज्‍य पदार्थों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • ज्यादा मीठा, व ठण्डी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अस्थमा के मरीज को ज्यादा प्रोटीन व वसा युक्त आहार नहीं करना चाहिए।
  • मांसाहारी चीजें अस्थमा के रोगी के लिए हानिकारक है।

अस्थमा में आराम पाने के लिए योग व व्यायाम

अस्थमा रोग में आराम पाने के लिये कुछ योग और व्यायाम राेगी को अवश्य करने चाहिये जो निम्न हैं–

  • भुजंगासन
  • अधोमुख श्वासन
  • कपालभाती आसन
  • भस्त्रिका आसन

भुजंगासन- दमा के रोगियों के लिए यह सबसे उत्तम आसन होता है। भुजंगासन में कोबरा मुद्रा में रहने से सीने में होने वाली सांस सम्बन्‍धी तकलीफ कम होती है और इससे हमें रक्त परिसंचरण तंत्र में भी सहायता मिलती है।

अधोमुख श्वासन- अस्थमा और साइनस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अधोमुख आसन एक अच्छा योग है। इससे तनाव दूर होता है और मन पूरी तरह शांत होता है। दमा के रोगियों के लिए यह काफी लाभकारी व्यायाम है।

कपालभाती आसन- अस्थमा के रोगी के लिए कपालभाती काफी लाभकारी व्यायाम होता है। कपालभाती सबसे सरल योग है। इसे करने से फेफड़े में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक प्रकार से होता है। ज्यादातर लोग कपालभाती का उपयोग वजन को घटाने के लिए करते हैं परन्तु यह सांस से संम्बंधी बीमारियों के लिए भी यह फायदेमंद है। इसलिये आपको अस्थमा रोग से राहत पाने के लिये प्रतिदिन सुबह कपालभाती का उपयोग करना चाहिए।

भस्त्रिका आसन- यह फेफड़ों को मजबूत करने के लिए सबसे उपयोगी व्यायाम है। इसे करने से रक्त का प्रवाह भी अच्छा होता है। और श्वास की परेशानी भी खत्‍म हो जाती है। वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आपको रोजाना 15 से 20 मिनट भस्त्रिका आसन करना चाहिए।

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अस्थमा रोग से बचाव (Prevention of Asthma)

अस्थमा से बचाव के लिए व्यक्ति को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • अस्थमा के रोगी को सर्दी, बारिश और धूल भरी जगह पर जाने से बचना चाहिए। क्योंकि बरसात के मौसम में नमी की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • अधिक नमी व ठण्डे स्थान पर नहीं जाना चाहिए। इससे दमा के लक्षण काफी हद तक बढ़ सकते हैं।
  • जब आप घर से बाहर जायें तो अपने मुंह पर कपड़ा या फिर मास्क लगाकर ही जायें।
  • सर्दी के मौसम में कोहरे वाले स्थानों पर जाने से बचें।
  • धूम्रपान का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों से काफी दूर रहें।

इसके उपरान्त आप अपनी जीवनशैली व भोजन में बदलाव कर सकते हैं इससे अस्थमा के असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस बात का ध्यान रखें कि दमा का रोग बहुत भयानक रोग है इसलिये अस्थमा के रोग से बचाव बहुत जरूरी है। अगर हम अपनी जीवनशैली की आदतों को सुधार लें तो कई बीमारियों का शिकार होने से बच सकते हैं। प्रतिदिन सुबह जल्दी उठने की आदत डालें और व्यायाम करें। पोषण युक्त भोजन करें और पर्याप्त नींद लें। इसके अलावा धूल, मिट्टी, सर्दी, गर्मी से अगर हम खुद को बचाकर रखेगें तो हम कई बीमारियों के सम्पर्क में आने से बच सकते हैं।

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अस्थमा रोग में पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

अस्थमा में डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए।

अस्थमा के सामान्य लक्षणों में आप घरेलू उपायों का इलाज कर सकते हैं जैसा कि हमने आपको ऊपर कुछ घरेलू इलाज के बारे में बताया है। जब आपको बार बार खांसी आये और सांस लेने में काफी ज्यादा तकलीफ हो तब आपको तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

क्या अस्थमा की बीमारी को जड़ से खत्‍म किया जा सकता है।

जी नहीं, अस्थमा रोग को पूरी तरह से खत्‍म नहीं किया जा सकता है।

अस्थमा रोग के लक्षण क्‍या होते हैं।

बार बार खांसी आना और सांस लेने मे तकलीफ होना अस्थमा रोग के मुख्य लक्षण है।

क्या लहसुन के प्रयोग से अस्थमा को ठीक किया जा सकता है।

हां लहसुन के प्रयोग से कुछ हद तक अस्थमा को ठीक किया जा सकता है इसके लिए आपको प्रतिदिन 4 से 5 लहसुन की कलियों का प्रयोग दूध में डालकर करना चाहिए।

अस्थमा क्या है।

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों से उत्पन्न होती है और जब फेफड़ों में ठीक प्रकार से वायु नहीं पहुंच पाती है तो हमें सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है इस प्रक्रिया को हम दमा या अस्थमा कहते हैं।

अस्थमा रोग से बचाव कैसे करें।

प्रतिदिन सुबह व्यायाम करें और पोषण युक्त आहार का उपयोग करें। पर्याप्त नींद लें व ज्यादा से ज्यादा धूल मिट्टी के सम्पर्क में आने से बचें।

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