एलोवेरा के उपयोग, फायदे और नुकसान | Aloe Vera Benefits in Hindi

Aloe Vera Benefits in Hindi : एलोवेरा के बारे में तो लगभग सभी लोगों ने सुना होगा, लेकिन क्या आप एलोवेरा के फायदों के बारे में जानते हैं। एलोवेरा एक औषधीय गुणों वाला पौधा है। एलोवेरा के फायदों के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंन्थों में भी बताया गया है। एलोवेरा का प्रयोग करके आप अनेकों बीमारियों को ठीक कर सकते है। इस लेख के माध्यम से हम आपको एलोवेरा के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी देंगे –

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एलोवेरा क्या है ? (What is Aloe Vera in Hindi)

एलोवेरा के पौधे में कई औषधीय गुण पाये जाते है जैसे– एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक इत्यादि। इसकी लम्बाई लगभग 60-100 सेन्टीमीटर होती है। एलोवेरा के पत्ते मोटे, गुदेदार और आगे की तरफ नुकीले होते है, इसके पत्तों के चारों तरफ हल्के कांटे होते हैं और इसमें पीले रंग के फूल खिलते हैं।
अगर एलोवेरा के प्रकार के बारे में बात करें तो एलोवेरा अनेक प्रकार का होता है। जिसमें से कुछ निम्‍नानुसार हैं –

एलो बरबडेंसिस – एलो बरबडेंसिस एलोवेरा बहुत ही आम प्रकार का होता है। इस एलोवेरा को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।

टाइगर एलो– टाइगर एलोवेरा को बहुत सुन्दर प्रजातियों में गिना जाता हैं, इसे छोटे गमले या कंटेनर में भी लगा सकते हैं। इसकी पत्तियों पर चितकबरे धब्बे होते है और इन पत्तियों का आकार तलवार के जैसा होता है।

क्लाइम्बिंग एलो– क्लाइम्बिंग एलो कमजोर प्रजातियों में से एक है। इसकी पत्तियां आस-पास के पौधों में फैली सकती हैं।

एलो डेस्कइंगसी– एलो डेस्कइंगसी सबसे छोटी प्रजाति का एलोवेरा होता है। ये दो से तीन इंच तक बढ़ता है। इसकी पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है और इसकी पत्तियों पर सफेद रंग के धब्बे पाये जाते है। इसमें पीले-नारंगी रंग के फूल आते है।

रेड एलो– इस प्रकार का एलोवेरा सूर्य की रोशनी में सुन्दर लाल तांबे के रंग जैसा दिखायी देता है। इसे पानी की आवश्यकता कम मात्रा में होती है और यह धीमी गति से बढ़ता है। रेड एलो की गिनती एलोवेरा की आकर्षक किस्मों में की जाती है।

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अन्य भाषाओं में एलोवेरा के नाम (Aloe vera Names in Other Languages in Hindi)

एलोवेरा को अलग-अलग भाषाओं मे अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो निम्न प्रकार हैं–

हिन्दी घीकुआँर, ग्वारपाठा, घीग्वार
अंग्रेजी Aloe Vera, ऐलो वेरा, कॉमन एलो, बारबडोस एलो, मुसब्बार, कॉमन इण्डियन एलो
संस्कृत कुमारी,गृहकन्या, कन्या, घृतकुमारी
गुजराती कुंवार, कड़वी कुंवर
तमिल कत्तालै, अंगनी, अंगिनी
तेलुगू कलबन्द, एट्टाकलाबन्द
बंगाली घृतकुमारी
नेपाली घ्यूकुमारी
पंजाबी कोगर, कोरवा
मराठी कोरफड, कोराफण्टा

एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Hindi)

एलोवेरा के उपयोग से अनेक रोगों में फायदा मिलता है जैसे त्वचा रोगों में, खांसी-जुकाम, कब्ज में, सिर दर्द में, पेट दर्द में और पीलिया इत्यादि रोगो में लाभ मिलता है। इन रोगों में एलोवेरा के उपयोग से फायदों के बारे में आगे लेख में विस्तार से जानेगें–

आंखों के रोग में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Eye Diseases in Hindi)

आंखों में होने वाली लालिमा को दूर करने के लिए एलोवेरा जेल को आंखों पर लगाने से फायदा मिलता है। आंखों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल इस प्रकार कर सकते है। इसके लिए एलोवेरा के गूदे को निकाल लें और इस गूदे पर हल्दी डालकर हल्का गुनगुना करके आंखों पर बांधने से दर्द दूर होता है।

सिर दर्द में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Headache in Hindi)

एलोवेरा का प्रयोग करके वात और कफ दोष के कारण होने वाले सिरदर्द को भी दूर कर सकते है। इसे दूर करने के लिए एलोवेरा का प्रयोग इस प्रकार कर सकते है। एलोवेरा जेल में थोडा़ दारुहरिद्रा का पाउडर मिलाकर गुनगुना करके शरीर में होने वाले दर्द पर बांधने से दर्द में लाभ मिलता है।

कान के दर्द को दूर करने में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Ear Pain in Hindi)

एलोवेरा का उपयोग करके कान के दर्द में भी राहत पा सकते हैं। कान के दर्द से राहत पाने के लिए एलोवेरा के रस को गुनगुना कर के जिस कान में दर्द हो रहा है उसके विपरीत कान में इस रस को दो-दो बूंद डालें।

खांसी-जुकाम की समस्या में एलोवेरा के औषधीय गुणों से लाभ (Aloe Vera Benefits in Cough and Cold in Hindi)

खांसी-जुकाम की समस्या में राहत पाने के लिए एलोवेरा का प्रयोग किया जाता है। एलोवेरा के गुदे और सेंधा नमक को मिलाकर एक लम्‍बी आयुर्वेदिक प्रक्रिया के द्‍वारा द्‍वारा भस्‍म बना ली जाती है। फिर इस भस्म को मुनक्का (5 ग्राम की मात्रा ) के साथ सुबह-शाम खाने से पुरानी से पुरानी खांसी और जुकाम में फायदा मिलता है।

पीलिया रोग में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Jaundic in Hindi)

एलोवेरा का उपयोग करके पीलिया रोग में भी लाभ मिलता है। एलोवेरा के जूस (10-20 ग्राम) को दिन में दो से तीन बार पीने से पीलिया रोग में फायदा होता है।

लीवर की समस्यों को दूर में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Liver Diseases in Hindi)

लीवर की समस्याओं मे लाभ पाने के लिए एलोवेरा के पत्तों का रस दो भाग और एक भाग शहद लेकर चीनी मिट्टी के बर्तन में ढक कर एक सप्‍ताह के लिये धूप में रख दें। इसके बाद इस मिश्रण को छानकर (10-20 मिलीग्राम की मात्रा) सुबह-शाम खाने से लाभ होगा। यदि इसका अधिक मात्रा का सेवन किया जाऐ तो पेट साफ होता है और मल एवं वात से जुड़ी बीमारियां दूर होने लगती है जिसके कारण लीवर स्वस्थ रहता है।

मूत्र रोगों में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Urinary Diseases in Hindi)

एलोवेरा के उपयोग से मूत्र संबंधित रोगों में लाभ पाया जा सकता है। पेशाब में होने वाली जलन और दर्द से राहत पाने के लिए एलोवेरा जेल (5-10 ग्राम) में चीनी मिलाकर सेवन करने से लाभ होगा।

वात विकार के कारण होने वाली गैस की समस्या में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Gas Problem in Hindi)

वात विकार के कारण होने वाली गैस की समस्या को दूर करने के लिए एलोवेरा का प्रयोग किया जाता है। एलोवेरा का गूदा (6 ग्राम), गाय का घी (6 ग्राम), हरड़ पाउडर एक ग्राम और एक ग्राम सेंधा नमक को मिलाकर मिश्रण बना लें, इस मिश्रण का सुबह-शाम सेवन करने से वात विकार से होने वाली गैस की समस्या दूर होती है।

चेचक के घावों में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Smallpox Wounds in Hindi)

एलोवेरा के उपयोग से चेचक के घावों में भी लाभ पाया जा सकता है। एलोवेरा के गूदे को निकालकर चेचक के घावों पर लगाने से घाव में राहत मिलती है।

बुखार को ठीक करने में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Fever in Hindi)

एलोवेरा के औषधीय गुणों से बुखार में लाभ होता है। बुखार को ठीक करने के लिए एलोवेरा की जड़ का काढ़ा बना लेना चाहिये फिर उस काढ़े में 10-20 मिलीलीटर की मात्रा का सेवन दिन में तीन बार करना चाहिये। इस काढ़े को पीने से बुखार ठीक हो जाता है।

चर्म रोग में एलोवेरा के औषधीय गुणों से फायदा (Aloe Vera Benefits in Skin Diseases in Hindi)

अनेक प्रकार के चर्म रोगों में एलोवेरा का प्रयोग करने से लाभ होता है। यदि स्किन पर मस्से बन गये हो तो उन मस्‍सों पर एलोवेरा के पत्‍ते को एक तरफ से छील कर बांध लेना चाहिये। इस विधि को कुछ दिन तक करने से मस्‍सों में काफी लाभ मिलता है।

डायबिटीज में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Diabetes in Hindi)

एलोवेरा के उपयोग से डायबिटीज में भी लाभ मिलता है। एलोवेरा में एंटी–डायबिटिक गुण पाया जाता है, जो डायबिटीज में लाभ पहुंचा सकता है। डायबिटीज से ग्रसित चूहों पर किये गये एक शोध के अनुसार यह पाया गया है, कि एलोवेरा कि पत्तियां भी डायबिटीज में असरदार हो सकती हैं। यह शोध जानवरों पर था। इसलिए रोगी एलोवेरा का प्रयोग करने पहले चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं।

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कमर दर्द को दूर करने के लिए एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Back Pain in Hindi)

कमर दर्द को दूर करने के लिए एलोवेरा का प्रयोग किया जाता है। कमर दर्द को दूर करने के लिये घी, गेंहू का आटा और एलोवेरा जेल का प्रयोग किया जाता है। घी, गेंहू का आटा और एलोवेरा जेल को मिला कर आटा गॅूथ लें और उस आटे की रोटियां बना लें फिर उन रोटियों का पाउडर बनाकर लड्डू बना लें। प्रतिदिन एक या दो लड्डू खाने से कमर दर्द में काफी लाभ मिलता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Increasing Immunity in Hindi)

अक्सर मौसम बदलने के साथ-साथ ज्यादातर लोग बीमार पड़ जाते है तो इस समस्या में आप एलोवेरा का प्रयोग कर सकते है इसके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायता मिल सकती है। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (National Cancer Institute) के अनुसार एलोवेरा इम्यूनिटी बूस्टर की तहर काम कर सकता है। इसका सेवन करने से मनुष्य की इम्यूनिटी अच्छी हो सकती है।

त्वचा को मॉइस्चराइज रखने में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits in Skin Moisturized in Hindi)

एलोवेरा का उपयोग त्वचा के लिए भी लाभदायक होता है। ऐलोवेरा जेल के प्रयोग से त्वचा को मॉइस्चराइज बनी रहती है। एलोवेरा का प्रयोग त्वचा को मॉइस्चराइज करने वाली कॉस्मेटिक और आयुर्वेदिक जेल या क्रीम बनाने में भी किया जाता है।

प्लीहा (तिल्ली) के रोग में एलोवेरा के औषधीय गुण के फायदे (Aloe Vera Benefits in Treat Spleen Disorder in Hindi)

तिल्ली के बढ़ने जैसे रोग पर एलोवेरा का प्रयोग काफी फायेदमंद होता है। इस रोग को ठीक करने के लिये 15 से 20 मिलीलीटर एलोवेरा के जूस में 2 से 3 ग्राम हल्‍दी पाउडर को मिलाकर पीना चाहिये। तिल्‍ली बढ़ने जैसे रोग को यह ठीक ही करता है लेकिन इसके अलावा यह अपच जैसी समस्या को भी दूर करता है।

झुर्रियों की समस्या में एलोवेरा के उपयोग से लाभ (Aloe Vera Benefits in Wrinkles Problem in Hindi)

प्रचीन काल से ही लोग जवान दिखना चाहते है‚ जिसके लिये तरह तरह के उपचारों का प्रयोग किया जाता रहा है। हमारे देश के महान आयुर्वेदाचार्यों ने इस समस्‍या को दूर करने के लिये एलोवेरा का प्रयोग किया है। आज कल के वैज्ञानिक शोधों से भी यह पता चला है कि एलोवेरा चेहरे की झुर्रियों को हटाने में काफी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। एलोवेरा का प्रयोग करने से चेहरे की झुर्रियां हटायी जा सकती है। इसलिये किसी अच्‍छे आयुर्वेदाचार्य द्‍वारा बताये गये तरीको से एलोवेरा को अपने चेहरे पर प्रयोग कराना चाहिये।

बालों में एलोवेरा जेल के फायदे। (Aloe Vera Benefits in Hair Fall Problem in Hindi)

बालों को अच्छा बनाने के लिए एलोवेरा का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। अक्सर बालों को अच्छा बनाने और उनको झड़ने से रोकने के लिए एलोवेरा का प्रयोग औषधि के रूप में होता आ रहा है। अभी तक एलोवेरा को लेकर कोई ऐसा मजबूत वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है जिससे यह सिद्ध किया जा सके कि एलोवेरा के प्रयोग से बालों का झड़ना पूरी तरह से रूक जाता है‚ लेकिन कुछ आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि एलोवेरा के प्रयोग से बालों के झड़ने की समस्‍या कम हो जाती है। अतः बालों के लिये एलोवेरा का प्रयोग किसी अच्‍छे आयुर्वेदिक वैद्‍य या डॉक्‍टर से परामर्श के बाद करना चाहिये।

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एलोवेरा के उपयोगी भाग

एलोवेरा के लगभग सभी भागों का उपयोग किया जा सकता है। जैसे पत्ते, जड़ और फूल आदि।

एलोवेरा के उपयोग (Aloe Vera Uses in Hindi )

  • एलोवेरा का प्रयोग कई तरीकों से किया जाता है जैसे–
  • जूस बनाकर।
  • एलोवेरा और शहद को मिलाकर सेवन किया जाता है।
  • एलोवेरा युक्त टूथपेस्ट।
  • इसके जेल को चेहरे पर लगाया जाता है।
  • एलोवेरा जेल को बालो में कंडीशनर की तरह भी लगा सकते है।

निष्कर्ष

एलोवेरा एक छोटा सा पौधा होते हुए भी अनेक प्रकार के रोगों में राहत दिलाता है। इसमें अनेकों औषधीय गुण पाये जाते हैं‚ जो अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने में लाभ पहुंचाते हैं।

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Frequently Asked Questions (FAQs)

एलोवेरा के क्या क्या फायदे होते है?

एलोवेरा का उपयोग करने से कई रोगों में फायदा होता हैं जैसे त्वचा रोगों में, खांसी-जुकाम, कब्ज में, सिर दर्द में, पेट दर्द में और पीलिया इत्यादि रोगों में लाभ मिलता है। प्रत्येक रोग में एलोवेरा का इस्तेमाल अलग-अगल होता है।

क्या एलोवेरा जेल स्किन को काला कर सकता है?

जी, नहीं एलोवेरा जेल स्किन को काला नही करता है।

एलोवेरा की तासीर कैसी होती है?

एलोवेरा के रस की तासीर ठंडी होती है। इसलिए गर्मियों में इसका सेवन करना अच्छा माना जाता है।

चेहरे पर एलोवेरा का इस्तेमाल कैसे करें?

चेहरे पर एलोवेरा का इस्तेमाल करने के लिए, एलोवेरा जेल को हाथों में लेकर चेहरे पर हल्की मसाज देते हुए लगायें मसाज करने से त्वचा का ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है और इसके अलावा एलोवेरा जेल में विटामिन ई, विटामिन सी और विटामिन ए पाये जोते हैं, जो चेहरे को चमकदार और आकर्षक बनाने में सहायता करते हैं।

एलोवेरा जूस में चीनी कितनी मात्रा में पायी जाती है?

एलोवेरा जूस में चीनी की मात्रा नहीं पायी जाती है।

एलोवेरा में हल्दी मिलाकर लगाने से क्या फायदा होता है?

इसमें एंटी–इन्फ्लेमेटरी और एंटी–माइक्रोबियल्स गुण पाये जाते हैं जिस कारण एलोवेरा में हल्दी मिलाकर लगाने से खुजली, रैशेज और जलन की समस्या को दूर किया जा सकता है और इस मिश्रण को लगाने से मुहांसों में भी लाभ पाया जा सकता है।

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