पुनर्नवारिष्ट के उपयोग, फायदे और नुकसान | Punarnavarishta Benefits in Hindi

Punarnavarishta Benefits in Hindi : पुनर्नवारिष्ट एक आयुर्वेदिक सीरप है इसे कई आयुर्वेदिक कम्पनियों द्वारा बनाया जाता है। इसका उपयोग कई रोगों को ठीक करने में किया जाता है जैसे एनीमिया (पांडु), शोथ (Inflammatory), पीलिया (कामला) और लिवर रोग इत्यादि। पुनर्नवारिष्ट का सेवन करने से पहले इसके उपयोग और फायदों के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए। आज के इस लेख मे पुनर्नवारिष्ट सीरप के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Manufacturerपुनर्नवारिष्ट को कई आयुर्वेदिक कम्पनियों द्वारा बनाया जाता है जैसे Dabur, Shree Baidyanath Ayurved Bhawan Pvt. Ltd., Patanjali Ayurved Limited इत्यादि।
IngredientsPunarnava, Patha, Bala, Giloe, Kantakari, Dhataki Puspha, Adusa, Chitraka, Sugandhabala.
M.R.P.पुनर्नवारिष्ट को कई आयुर्वेदिक कम्पनियां अलग–अलग पैकिंग में अलग–अलग कीमत पर बेचती हैं।

पुनर्नवारिष्ट मे सम्मिलित औषधियां (Punarnavarishta Syrup Ingredients in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट सीरप को कई औषधियों से मिला कर बनाया जाता है‚ जिनमें से कुछ निम्न हैं–

पुनर्नवा (Punarnava) : पुनर्नवा एक औषधि है इसका उपयोग वर्षों से रोगों को ठीक करने के लिए होता चला आ रहा है। पुनर्नवा के उपयोग से एनीमिया (पांडु), शोथ रोग, कुष्ठ रोग और हृदय से जुड़ी बीमारी इत्यादि को ठीक करने में मदद मिलती है।
पाठा (Patha) : पाठा का वानस्पतिक नाम Cissampelos pareira है। पाठा का उल्लेख आयुर्वेदिक ग्रन्थों में भी मिलता है पाठा एक आयुर्वेदिक जड़ी–बूटी है इसके उपयोग से कुष्ठ रोग, तिल्ली की सूजन, त्वचा रोग इत्यादि में लाभ होता है।

बला (Bala) : बला का वानस्पतिक नाम Sida cordifolia है बला में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसके फायदों के बारे में आयुर्वेदिक ग्रन्थों में भी बताया गया है इसके उपयोग से लकवा, आंखों की बामारी, घाव, कुष्ठ रोग इत्यादि में लाभ होता है।

गिलोय (Giloe) : गिलोय का उपयोग सदियों से रोगों को ठीक करने के लिए होता चला आ रहा है इसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसके उपयोग से पीलिया, लीवर की समस्या में, हृदय रोग, डायबिटीज, आँखों की बीमारी इत्यादि में लाभ मिलता है।

तगर (Sugandhabala) : तगर का उल्लेख कई प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रन्थो में मिलता है तगर एक आयुर्वेदिक औषधि है। इस औषधि के उपयोग से कुष्ठ रोग, हृदय रोग, आंखों की बीमारी, पाचन से जुड़े रोग इत्यादि को ठीक करने में मदद मिलती है।

ऊपर बतायी गयी जड़ी–बूटियों के अलावा Kantakari, Dhataki Puspha, Adusa और Chitraka का भी उपयोग एनीमिया (पांडु), शोथ (Inflammatory), पीलिया (कामला), लिवर रोग, एडिमा, हृदय रोग, मधुमेह, नपुंसकता और आंखों की रोशनी बढ़ाने में किया जाता है।

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पुनर्नवारिष्ट के उपयोग और फायदे (Punarnavarishta Uses in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है इसे कई आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसका उपयोग कई रोंगों को ठीक करने में किया जाता है जैसे एनीमिया (पांडु), शोथ (Inflammatory), पीलिया (कामला), लिवर रोग, एडिमा, हृदय रोग में, मधुमेह, नपुंसकता और आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके उपयोग से होने वाले फायदे निम्न हैं-

पुनर्नवारिष्ट से होने वाले फायदे (Punarnavarishta Benefits in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट को कई आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों से मिलाकर बनाया जाता हैं इसके उपयोग से होने वाले फायदे निम्न हैं

पुनर्नवारिष्ट से पीलिया (कामला) रोग में लाभ (Punarnavarishta Benefits in Jaundice in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट के सेवन से पीलिया रोग में लाभ होता है पुनर्नवारिष्ट को कई औषधियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसमें मौजूद गिलोय (Giloe) और चित्रक (Chitrak) पीलिया की समस्या को ठीक करती हैं।

एनीमिया (पांडु) की समस्या में पुनर्नवारिष्ट से लाभ(Punarnavarishta Benefits in Anemia in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट एक आयुर्वेदिक सीरप है इसे कई औषधियों से मिलाकर बनाया जाता है। पुनर्नवारिष्ट में उपस्थित पुनर्नवा (Punarnava) और कंटकारी (Kantakari) पांडु रोग को ठीक करने में मदद करती हैं।

पुनर्नवारिष्ट से शोथ (Inflammatory) की समस्या में लाभ(Punarnavarishta Benefits in Inflammatory in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट को पुनर्नवा (Punarnava), कंटकारी (Kantakari), धातकी (Dhataki) और गिलोय (Giloe) जैसी औषधियां से मिलाकर बनाया जाता है। ये औषधियां शोथ (Inflammatory) की बीमारी को दूर करने में मदद करती हैं।

हृदय रोग में पुनर्नवारिष्ट से लाभ(Punarnavarishta Benefits in Heart Disease in Hindi)

हृदय से जुड़े रोगों में पुनर्नवारिष्ट के उपयोग से लाभ होता है पुनर्नवारिष्ट को कई आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसमें मौजूद तगर (Sugandhabala), गिलोय (Giloe) और धातकी (Dhataki) हृदय की समस्या को दूर करती हैं।

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पुनर्नवारिष्ट की सेवन विधि (Punarnavarishta Dosage in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट का उपयोग एनीमिया (पांडु), शोथ (Inflammatory), पीलिया (कामला), लिवर रोग, एडिमा, हृदय रोग, मधुमेह और नपुंसकता की समस्या को दूर करने में किया जाता है। पुनर्नवारिष्ट की सेवन विधि व्यक्ति की बीमारी, आयु, वजन, लिंग और पुराने चिकित्सा इतिहास को देखकर निर्धारित की जाती है इसलिये पुनर्नवारिष्ट का सेवन डॉक्टर के अनुसार ही करना चाहिए।

  • पीलिया की समस्या होने पर 15ML पुनर्नवारिष्ट का सेवन सुबह शाम भोजन करने के पश्चात गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।
  • एनीमिया (पांडु) के रोग को दूर करने के लिए तीन चम्मच पुनर्नवारिष्ट का सेवन सुबह शाम भोजन करने के पश्चात गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।
  • शोथ (Inflammatory) की समस्या होने पर 15ML पुनर्नवारिष्ट का सेवन दिन में दो बार भोजन करने के पश्चात गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।

पुनर्नवारिष्ट के साइड इफेक्ट (Punarnavarishta Side effects in Hindi)

पुनर्नवारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है इसे कई आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसका सेवन करने वाले व्यक्तियों पर अभी तक कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है। यदि आपको इसका सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट हो रहा है, तो तुरन्त पुनर्नवारिष्ट का सेवन करना बन्द कर देना चाहिए और दोबारा इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

पुनर्नवारिष्ट से जुड़ी कुछ सावधानियां (Punarnavarishta Precautions in Hindi)

  • पुनर्नवारिष्ट का सेवन करने से पहले एक्सपायरी डेट जरूर देख लेनी चाहिए।
  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक का सेवन करना चाहिए।
  • पुनर्नवारिष्टा का सेवन अन्य दवाओं के साथ करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।
  • Punarnavarishta को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
  • Punarnavarishta का सेवन करने से पहले उसके के लेबल पर दी गयी जानकारी को अच्छी तरह पढ़ लेना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

पुनर्नवारिष्ट के उपयोग से एनीमिया (पांडु), शोथ (Inflammatory), पीलिया (कामला), लिवर रोग, एडिमा, हृदय रोग, मधुमेह, नपुंसकता और आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करती है। पुनर्नवारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है इसके सेवन से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। पुनर्नवारिष्ट का सेवन डॉक्टर के परामर्श पर ही करना चाहिए ताकि व्यक्ति की बीमारी के अनुसार दवा की उचित मात्रा और सही समय निर्धारित हो सके।

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Frequently Asked Questions (FAQs)

मुझे पुनर्नवारिष्ट कब लेना चाहिए?

पुनर्नवारिष्ट का सेवन भोजन करने के पश्चात सबुह शाम गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।

पुनर्नवारिष्ट पीने से क्या फायदा होता है?

पुनर्नवारिष्ट को पीने से एनीमिया (पांडु), शोथ (Inflammatory), पीलिया (कामला), लिवर रोग, एडिमा, हृदय रोग, मधुमेह और नपुंसकता की समस्या में लाभ होता है।

क्या पुनर्नवारिष्ट का सेवन करना पूरी तरह सुरक्षित है?

पुनर्नवारिष्ट को कई आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों मिलाकर बनाया जाता है इसके सेवन से कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। पुनर्नवारिष्ट का सेवन करना पूरी तरह सुरक्षित है।

पुनर्नवारिष्ट Brand Name

Brand NameMRPManufacturer
Baidyanath Punarnavarishta (450 ML) 175.00 Shree Baidyanath Ayurved Bhawan (P)Limited (Jhansi)
Dabur Punarnavadyarishta Syrup (450 ML) 164.00 Dabur India Ltd
Patanjali Divya Punarnavadyarishta (450 ML) 145.00 Patanjali Divya Pharmacy
Zandu Punarnavarishtha (450 ML) 162.00 Zandu Pharmaceutical Works Ltd


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