Pilex Tablet Uses in Hindi : पाइलेक्स टेबलेट एक आयुर्वेदिक दवा है। हिमालय पाइलेक्स टेबलेट का उपयोग बवासीर की समस्या में राहत पाने के लिए किया जाता है। बवासीर (Piles) एक पीड़ादायक रोग है इस रोग के कारण लोगों का चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है। बवासीर से पीड़ित व्यक्ति के गुदाद्वार के अन्दर की नसों की शिराओं में सूजन आने के कारण मस्से बन जाते हैं। जिसके कारण रोगी को मलत्याग के समय दर्द, जलन, सूजन और खुजली जैसी समस्याएं होने लगतीं है। इसके अलावा कभी–कभी रोगी को मलत्याग के समय खून भी आने लगता है।
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट का उपयोग बवासीर में होने वाले दर्द, जलन और सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसका सेवन करने से बवासीर में बहुत कम लाभ होता है या कुछ ही दिनों के लिए राहत मिलती है। ज्यादा समय तक इसका प्रयोग करने से साइड इफेक्ट हो सकते हैं। चालिए लेख में आगे हिमालय पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग फायदे और नुकसान (Pilex Tablet Uses) के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट क्या है (What is Himalaya Pilex Tablet in Hindi)
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट को हिमालय कम्पनी द्वारा बनाया गया है। यह बवासीर (Piles) के रोग में लाभ पहुचाने वाली आयुर्वेदिक दवा है। पाइलेक्स टेबलेट को कई औषधियों से मिलाकर बनाया गया है जिनके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है।
Manufacturer | Himalaya Wellness Company |
Ingredients | Barberry, Shilaji, Haritaki, Ashvagandha, Kachnar, Nagkesar, Lajavanti |
MRP | 185.00 (60 Tablets Per Bottle) |
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट को बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री (Pilex Tablet Ingredients in Hindi)
Himalaya Pilex tablet को कोई जड़ी–बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है जो निम्न प्रकार हैं–
- दारूहल्दी (Barberry)– दारूहल्दी (दारूहरिद्रा) में एंटीऑक्सीडेंट, सूजन–रोधी और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाये जाते हैं। इसमे पाया जाने वाला सूजन–रोधी गुण सुजन को दूर करने में मदद करता है।
- शिलाजीत (Shilaji)– शिलाजीत के उपयोग से बवासीर में लाभ पाया जा सकता है।
- गुग्गुल– गुग्गुल में विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, क्रोमियम जैसे कई घटक मौजूद होते हैं जिसके कारण इसके उपयोग से बवासीर में लाभ मिलता है।
- हरीतकी (Haritaki)– हरीतकी (हरड़) का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसके उपयोग से सूजन, कुष्ठ और एसिडिटी जैसी समस्याओं में लाभ पाया जाता है।
- अश्वगंधा– अश्वगंधा एक प्रमुख जड़ी–बूटी इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस और एंटी–बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं।
- कचनार (Kachnar)– कचनार को माउंटेन एबोनी के नाम से भी जाना जाता है। कचनार में एंटी–ट्यूमर, एंटी–माइक्रोबियल, एंटी–इंफ्लेमेटरी और एंटी–गोइट्रोजेनिक गुण मौजूद होते हैं। इसके उपयोग बवासीर में लाभ पाने के लिए किया जाता है।
- नागकेसर (Nagkesar)– नागकेसर में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण मौजूद होते हैं। इसके उपयोग से बवासीर की बीमारी में फायदा होता है।
- छुई–मुई (लाजवंती)– छुई–मुई का वानस्पतिक नाम Mimosa pudica Linn है। इसके पत्तों का उपयोग भगन्दर, गले का दर्द, पाइल्स और सूजन इत्यादि समस्याओं को कम करने के लिए किया जाता है।
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग | Pilex Tablet Uses in Hindi
आजकल कब्ज के कारण लोग बवासीर से काफी संख्या में परेशान है जिसको ठीक करने के लिये लोग पाइलेक्स टेबलेट का उपयोग करते है। यह खूनी और बादी दोनों तरह की बवासीर (Bawaseer) को ठीक करने में सहायता करती है। बवासीर को ठीक करने के अलावा भी इसको प्रयोग करने से कई लाभ होते हैं।
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट के लाभ (Pilex Tablet Benefits in Hindi )
इसके अलावा कब्ज की समस्या में भी लाभ होता है। हिमालय पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग से होने वाले फायदे निम्न है–
बवासीर को कम करने में (Pilex Tablet Benefits in Piles)
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग से बवासीर मे होने वाली सूजन, जलन और खुजली को कम करने में मदद मिलती है। लेकिन बवासीर पूर्णरूप से ठीक नहीं होती है।
कब्ज को दूर करने में (Pilex Tablet Benefits in constipation)
बवासीर का मुख्य कारण कब्ज है। पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग से कब्ज के रोग को दूर करने में मदद मिलती है।
बवासीर में होने वाले दर्द को कम करने में (Pilex Tablet Benefits in Reducing Piles Pain)
बवासीर की समस्या मे एनल कैनाल के अन्दर मस्से बन जाते है जिनके कारण रोगी को मल त्याग के समय भयानक दर्द का सामना करना पढ़ता है। टेबलेट के उपयोग से बवासीर में होने वाले दर्द में कुछ समय के लिए राहत तो दिलाती है परन्तु बवासीर के मस्सों को नहीं सुखा पाती है।
खूनी बवासीर को कम करने में (Pilex Tablet Benefits in Bleeding piles)
खूनी बवासीर में भी गुदाद्वार के अन्दर मस्सें होते है। जिसके कारण मलत्याग के समय मल इन मस्सों से रगड़ कर आता जिससे मस्से कट फट जाते है और शौच के समय खून आने लगता है। हिमालय पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग से खून बवासीर में कोई फायदा नहीं दिलाता है। खूनी बवासीर को तभी ठीक हो सकती है जब एनल कैनाल के अन्दर के मस्से ठीक हो जायें। मस्सों को खत्म करने के लिए मस्सों को सुखाने वाली दवाओं का प्रयोग करना चाहिए।
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पाइलेक्स टेबलेट की सेवन विधि (Pilex Tablet Dosage in Hindi )
पाइलेक्स टेबलेट का उपयोग कई समस्यों में राहत पाने के लिए किया जाता है इसलिए इसकी खुराक की मात्रा और सेवन विधि के बारे मे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
पाइलेक्स टेबलेट से होने वाले साइड इफेक्ट (Pilex Tablet Side Effects in Hindi)
पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग से अभी तक कोई नुकसान नहीं देखा गया है। यदि आपको हिमायल पाइलेक्स टेबलेट का उपयोग करने को साइड इफेक्ट नजर आ रहा है, तो इसका सेवन करना तुरन्त बन्द कर दें।
निष्कर्ष (Conclusion)
पाइलेक्स टेबलेट का उपयोग बवासीर की समस्या में राहत पाने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से पाइल्स के रोग को कम किया जाता सकता है लेकिन इसे दूर नहीं किया जा सकता है। इस बीमारी को दूर करने के लिए हिमालय पाइलेक्स टेबलेट पर निर्भर नही रहा जा सकता है। बवासीर को दूर करने के लिए अच्छी आयुर्वेदिक मस्से सुखाने वाली दवाओं का सेवन करना चाहिए। ये दवाये बवासीर में होने वाले मस्सों को सुखाकर बवासीर के रोग की खत्म करतीं हैं। बवासीर के मस्सों को सुखाने की कई दवायें ऑनलाइन और मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाती हैं।
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लोगों द्वारा पूछें जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर
क्या पाइलेक्स टेबलेट से बवासीर ठीक हो जाती है
पाइलेक्स टेबलेट के उपयोग से बवासीर में थोड़े समय के लिए राहत तो मिलती है लेकिन बवासीर का रोग पूरी तरह ठीक नहीं होता है। बवासीर में एनल कैनाल के अन्दर मे मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों के सूखने पर ही बवासीर ठीक होती हैं बवासीर (पाइल्स) को ठीक करने के लिए मस्से सुखाने वाली अच्छी आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना चाहिए।
क्या पाइलेक्स की गोलियां बवासीर के लिए अच्छी होती हैं
पाइलेक्स की गोलियों से बवासीर के रोग में कुछ समय के लिए लाभ मिलता है। लेकिन बवासीर पूरी तरह ठीक नहीं होती है।
मुझे पाइलेक्स टैबलेट कब तक लेनी चाहिए?
पाइलेक्स टैबलेट का उपयोग बवासीर में राहत पाने लिए किया जाता है। पाइलेक्स टैबलेट का सेवन 2 से 3 महीने तक किया जा सकता है।
हिमालय पाइलेक्स टेबलेट कैसे काम करती है?
पाइलेक्स टेबलेट बवासीर में होने वाले दर्द, जलन, सूजन और खुजली को कम करने में मदद करती है।
बवासीर के मस्से सुखाने के लिए किस तरह की दवाएं लेनी चाहिए।
बवासीर में एनल कैनाल के अन्दर मस्से बन जाते हैं जो बहुत तकलीफदेह होते हैं। इसलिए रोगी को बवासीर के मस्सों को सुखाने के लिए कोई अच्छी आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना चाहिए जो आसानी से ऑनलाइन और मेडिकल स्टोरो पर उपलब्ध होतीं हैं। एक बार मस्सा सूखकर खत्म हो जाता है तो बवासीर हमेशा के लिए ठीक हो जाती है।
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