निशोथ : निशोथ के गुण, पहचान, फायदे और नुकसान | Nishoth Benefits in Hindi

Nishoth Benefits in Hindi : निशोथ एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग आयुर्वेद औषधि के रूप में होता है। इसका वैज्ञानिक नाम आपरकुलिना टरपेथुम (Operculina Turpethum) है । कई प्रकार के शोधों से पता चला है की निशोथ का उपयोग मानव स्वास्थय के लिए बहुत ही फायदेमंद है । निशोथ तीन प्रकार का होता है,काला ,लाल व सफ़ेद निशोथ । इन सभी निशोथ की पहचान अलग-अलग की जा सकती है तथा यह सभी निशोथ उपयोगी व लाभकारी हैं । निशोथ (Nishoth) के उपयोग से कई प्रकार की रोग ठीक किये जा सकते हैं, जैसे की निशोथ के उपयोग से अल्सर, डायबिटीज तथा बैक्‍टीरियल इन्फेक्शन जैसे रोगों में लाभ होता है ।

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अन्य भाषाओं में निशोथ के नाम (Name of Nishoth in Diffrent Languages in Hindi)

निशोथ को अलग-अलग भाषाओं मे अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो निम्न प्रकार हैं–

Hindiनिसोत, निशोथ
EnglishTurpeth-root (टर्पेथ-रूट), (Turpethum), इण्डियन जालप (Indian jalap),बॉक्स फ्रूट वाइन (Box fruit vine)
Sanskrit श्वेता, त्रिवृत्, त्रिभण्डी, त्रिवृता, त्रिपुटा, श्यामा, पालिन्दी, सुषेणिका, मसूरविदला, सर्वानुभूति, सरला, रेचनी,अर्धचद्रा, कालमेशिका
Urdu तुर्बुद (Turbud), तुर्बुद सफेद (Turbud safaid) ,निशोथ (Nishoth)
Oriya दुधोलोमो (Dudholomo)
Bengaliदूधियाकलमी (Dudiyakalmi),तेउड़ी (Teudi), तिउरी (Teori)
Teluguतेल्लातेगाडा (Tellategada)
Gujaratiनसोतर (Nashotar), नहोतर (Nahotara)
Nepaliनिसोथ (Nisoth)
Tamilकेरूम सिवदै (Kerum sivadai), शिवदै (Shivadai)
Malayalamत्रिकोलपोकन्न (Trikol pokanna)
Punjabiनिसोथ (Nisoth)
Kannadaतिगडे (Tigade),बिली तिगड़े (Bili tigade)
Arabicतुर्बुंद (Turbund),तुर्बुद (Turbud)
Marathiतेंड (Tend),निषोत्तार (Nishottara)


निशोथ के गुण (Properties of Nishoth in Hindi)

निशोथ बहुत ही गुणकारी व लाभकारी होता है। इसके गुण निम्न प्रकार हैं :-

  • यह एण्टी-बैक्‍टीरियल होता है ।
  • इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी पाया जाता है ।
  • यह अल्सर जैसी समस्या में लाभ पहुंचता है। अतः इसे अल्सर प्रोटेक्टिव भी माना जाता है ।
  • निशोथ में एण्टी डायरिया तथा एण्टी डायबिटीज गुण भी होते हैं ।
  • सफ़ेद निशोथ का सेवन करने से कब्ज़ में लाभ होता है ।

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निशोथ के प्रकार (Types of Nishoth in Hindi)

निशोथ तीन प्रकार के होते हैं , प्रत्येक की अपनी अलग पहचान होती है एवं तीनो ही प्रकार के निशोथ फायदेमंद होते हैं । जों की निम्न प्रकार हैं –

  • काला निशोथ – यह बेल वाला पौधा होता है । इसकी पत्तियां गोल व नोकदार होती हैं । इसमें बैंगनी या काले रंग के फूल खिलते हैं ।
  • सफ़ेद निशोथ – यह भी बेल वाला पौधा होता है । इसकी पत्तियां रंग की गोल व नोकदार होती हैं तथा आकार में काले निशोथ से बड़ी होती हैं । इसमें सफ़ेद रंग के फूल खिलते हैं ।
  • लाल निशोथ – यह निशोथ भी काली और सफेद निशोथ की तरह ही होती है लेकिन इस निशोथ के पत्‍ते लाल रंग के होते हैं।

निसोथ के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Nishoth in Hindi )

निसोथ के जड़ ,पत्ते तथा छाल बहुत ही फायदे मंद होता है , इसकी छाल के चूर्ण का सेवन करने से कई रोग दूर होते हैं ।

निशोथ के लाभ (Nishoth Benefits in Hindi)

निशोथ स्वास्थ्य पर कई प्रकार के चमत्कारी प्रभाव डालता है जैसे कि दर्द को कम करना, लीवर को सुरक्षित रखना और गठिया से बचाव रखना । आइये जानते हैं निशोथ के अन्य फायदों के बारे में –

माइक्रोबिअल इन्फेक्शन से बचाव

यदि किसी व्यक्ति को बैक्‍टीरियल या माइक्रोबिअल इन्फेक्शन की समस्या है, तो वो निशोथ का उपयोग कर सकते हैं । इसके उपयोग से समस्या में तुरन्‍त राहत मिलेगी ।निशोथ में एण्टी – माइक्रोबिअल इन्फेक्शन गुण पाए जाते हैं , जो की माइक्रोबिअल इन्फेक्शन की समस्या में तुरन्‍त राहत पहुंचाते हैं तथा होने वाले इन्फेक्शन को दूर रखते हैं ।

निसोथ के औषधीय गुण से आंखों की बीमारियों का इलाज (Benefits of (Nishoth) to Treat Eye Disease in Hindi )

  • निशोथ एक गुणकारी औषधि है। इसका उपयोग आँखों की समस्याओं को दूर करने के लिये में भी किया जाता है । निशोथ से आँखों से जुड़े कई प्रकार के रोग ठीक होते हैं ।
  • काली निशोथ के चूर्ण में शहद व शर्करा मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के फूलने की बीमारी में लाभ होता है।
  • पलकों से जुड़ी बीमारी को दूर करने के लिये निशोथ काफी लाभदायक होती है। इस बीमारी को दूर करने के लिये काली निशोथ की जड़ का रस निकाल लें और इसमें बराबर मात्रा में मधु ( शहद ) मिला लें। इसको आँखों में काजल की तरह लगाने से पलकों से जुड़ी बीमारी में जल्‍दी आराम मिल जाता है।

टाइफाइड बुखार में निसोथ के सेवन से फायदा (Nishoth Benefits for Typhoid Fever in Hindi )

निशोथ (Operculina turpethum) का सेवन करने से टायफाइड बुखार में भी राहत मिलती है । आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति टायफाइड बुखार से ग्रसित है तो उसे निशोथ का सेवन करना चाहिये इससे रोगी को जल्दी ही राहत मिलती है।

  • कुटकी‚त्रिफला, अंगूर और त्रायमाण को मिला कर काढ़ा बना लेना चाहिये और इस काढे (10-20 मिली) में एक चौथाई भाग शर्करा और निशोथ का चूर्ण मिला लें। सुबह शाम इसका सेवन करने से टाइफाइड बुखार ठीक हो जाता है।
  • निशोथ के चूर्ण में बराबर की मात्रा में मधु(शहद ) मिलाकर सेवन करने से भी टाइफाइड में काफी लाभ मिलता है।

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फोड़ा का इलाज है निसोथ (Medicine of Nishoth for Boils in Hindi)

आयुर्वेद के अनुसार कच्चा फोड़ा की समस्या में निशोथ के सेवन से आराम मिलता है।

  • कच्चे फोड़े की समस्या में निशोथ के प्रयोग से काफी लाभ होता है। फोड़ा होने पर निशोथ और हरीतकी के चूर्ण (1-2 ग्राम) में मधु (शहद) मिलाकर सेवन करना चाहिये। इसको सेवन करने से कच्चे फोड़े की समस्या में बहुत जल्‍दी लाभ मिलता है।

निसोथ के औषधीय गुण से बवासीर का इलाज (Benefits of Nishoth to Treat Piles )

निशोथ (Operculina Turpethum) बवासीर जैसी बीमारी में लाभ प्रदान करता है, इसका चूर्ण बनाकर सेवन करने से पेट की कई सारी समस्याएँ दूर हो जाती हैं ।

  • 20 मिली त्रिफला के काढ़ा में 2 ग्राम निशोथ का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट साफ होता है तथा कई रोग ठीक होते हैं । बवासीर के रोगी को प्रतिदिन त्रिफला के काढ़ा के साथ निशोथ चूर्ण का सेवन करने से काफी आराम मिलता है और धीरे–धीरे बवासीर ठीक हो जाती है।
  • निशोथ के पत्ते की सब्जी को घी या तेल में भूनकर दही के साथ सेवन करने से बवासीर में जल्द ही लाभ दिखता है । इससे खूनी और बादी बवासीर का उपचार होता है।

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निशोथ लीवर से जुड़े जोखिम दूर रखें ( Nishoth used in liver disease)

निशोथ लीवर से जुड़ी बहुत सी बीमारियों को ठीक करने में काफी मदद करता है। बहुत सारे केमिकल्स लीवर सेल्स को नुकसान पहुचाते हैं इसमें से मुख्य है – लिपिड परोक्सीडेशन, जिससे कि लीवर में कई बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं । निशोथ में पाया जाने वाला हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण इन बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है‚ जिससे की लीवर सुरक्षित रहता है ।

निशोथ दिलाये अल्सर से राहत (Nishoth Benefit in Ulcer in Hindi)

निशोथ का अर्क बहुत ही लाभकारी होता हैं जो अल्सर की समस्या में बहुत राहत दिलाता है । एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार पता चला है कि निशोथ के मेथेनालिक अर्क और हाइड्रो अल्कोहोलिक अर्क में एण्टी -अल्सर गुण पाए जाते हैं । इसके ये गुण हाइपर एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करते हैं जिसके कारण अल्सर जैसी गम्‍भीर समस्‍या में काफी जल्‍दी सुधार होता है।

निसोथ के औषधीय गुण से पेट के फूलने की समस्या में राहत (Benefits of Nishoth to Treat Abdominal Distension )

  • निशोथ पेट फूलने की समस्या में भी बहुत कारगर साबित हुआ है। निशोथ के पत्ते की सब्जी खाने से पेट के फूलने की बीमारी में काफी लाभ मिलता है।
  • रोगी को पाचनतंत्र की समस्या सुधारने के लिये निशोथ तथा शुण्ठी के 1-2 ग्राम चूर्ण को दूध या अंगूर के रस के साथ सेवन करना चाहिये इससे पेट के फूलने की बीमारी में लाभ होता है।
  • कब्ज के कारण पेट के फूलने की समस्या में लाभ पाने के लिये बराबर की मात्रा में निशोथ , काली मिर्च और हरीतकी के चूर्ण ले लें। फिर इसमें गुड़ मिलाकर गोली बना लें। प्रतिदिन सुबह–शाम एक गोली का सेवन करने से पेट के फूलने की समस्‍या में बहुत जल्‍दी आराम मिलेगा।

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निशोथ के प्रयोग से डायबिटीज में लाभ (Nishoth Benefit in Diabetes in Hindi)

निशोथ डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत लाभकारी साबित हुआ है । इसका प्रयोग करने से ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है। डायबिटीज रोग में निशोथ को एक रामबाण औषधि के रूप में माना जाता है ।

गठिया में निसोथ का औषधीय गुण फायेदमंद (Nishoth Benefits for Arthritis in Hindi)

गठिया रोग में भी निशोथ काफी फायदेमंद होता है । गठिया में निशोथ, विदारीकंद और गोक्षुर का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से गठिया के उपचार में मदद मिलती है।

पेट में कीड़े होने पर निसोथ के सेवन से लाभ (Nishoth Benefits to Cure Abdominal Bugs in Hindi )

पेट में कीड़े होने की समस्या में आप निशोथ का सेवन कर सकते हैं । 1-2 ग्राम निशोथ के पेस्ट को छाछ के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।

टीबी रोग के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है निशोथ (Nishoth Benefits in TB Disease in Hindi)

निशोथ से टीबी रोग में लाभ होता है। काली निशोथ के चूर्ण को शर्करा, मधु और घी या अंगूर रस, गम्भारी रस, विदारीकंद रस के साथ लेकर सेवन करने से रोग में जल्द ही लाभ होता है । इससे टीबी की बीमारी का इलाज होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

निशोथ एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग करने से डायबिटीज, टाइफाइड, कब्ज़ तथा गठिया जैसे कई सारे रोगों का इलाज किया जाता है। दूसरी तरफ इसके अधिक उपयोग से लो ब्लड शुगर तथा एलर्जिक रिएक्शन होने का जोखिम भी बना रहता है इसलिये इसका सेवन चिकित्सक के परामर्श पर ही करना चाहिये । यदि आप किसी अन्य रोग का इलाज़ कर रहे हैं अथवा कोई अन्य दवाई भी इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही निशोथ का सेवन करना चाहिए। इसका किसी अन्य दवाई के साथ प्रयोग करने पर शरीर पर दुष्‍प्रभाव भी हो सकता है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा ।

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FREQUENTLY ASKED QUESTIONS (FAQs )

निशोथ क्या है ?

निशोथ एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग आयुर्वेद औषधि के रूप में होता है ।

निशोथ का उपयोग क्या है?

यह अपने एनाल्जेसिक, सूजनरोधी और गठियारोधी गुणों के कारण गठिया के लक्षणों जैसे दर्द और सूजन को रोकने में मदद करता है।

निशोथ के क्या गुण है ?

यह एंटी-बैक्‍टीरियल होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी पाये जाते हैं । यह अल्सर जैसी समस्या में लाभ पहुंचता है जिसके कारण इसे अल्सर प्रोटेक्टिव औषधि भी माना जाता है ।

निशोथ के कितने प्रकार हैं ?

निशोथ तीन प्रकार के होते हैं – काला ,लाल व सफ़ेद निशोथ ।

क्या निशोथ हानिकारक भी है ?

हाँ , निशोथ के अधिक सेवन से कुछ हानियाँ भी हो सकती हैं। अतः आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर निशोथ का सेवन करना चाहिए ।

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