कटेरी के उपयोग‚ फायदे और नुकसान | Kateri Benefits in Hindi

Kateri Benefits in Hindi : कंटकारी (कटेरी) का पौधा भारत वर्ष के कई भूभागों में पाया जाता है। यह कांटेदार और जमीन पर फैला हुआ होता है। यह खेतों में‚ सड़क के किनारे और जंगलों में अपने आप उग आता है इसलिये इस पौधे को लगभग सभी ने देखा होगा। जानकारी के आभाव में कई लोग इसको एक कांटेदार झाड़ी ही समझते हैं लेकिन आयुर्वेद में इसका उपयोग औषधि की तरह किया जाता है इसके उपयोग से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। चलिए इस लेख को पढ़कर कटेरी या कंटकारी के औषधीय गुणों से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Table of Contents

कटेरी (कंटकारी या भटकटैया) क्या है (What is Kateri in Hindi)

कटेरी का वानस्पतिक नाम सोलेनम वर्जिनीएनम (solavum virginiannum) है, इसका कुल सोलैनेसी (Solanaceae) है। यह भूमि पर फैला हुआ, कांटेदार पौधा होता है, इसकी पत्तियां कांटेदार हरे रंग की होती हैं। इसके पौधे में नीले, बैंगनी रंग के फूल लगते हैं और गोलाकार हरे रंग का फल आता है, जिसमे सफेद धारी होती हैं। कटेरी की अनके प्रजातियां पायी जाती हैं, लेकिन उनमें से छोटी कंटकारी‚ बड़ी कंटकारी और श्वेत कंटकारी को ही चिकित्सा के लिए प्रयोग में लाया जाता है। कंटकारी को अलग–अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

अन्य भाषाओं मे कटेरी के नाम (Kateri Name in Other Languages)

Kantakari के पौधे को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे-

भाषानाम
हिन्दी (Hindi) कटेरी, कंटकारी, छोटी कटाई, भटकटैया, रेंगनी, रिगणी, कटाली, कटयाली
अंग्रेजी (English) थॉर्नी नाइट शेड (Thorny night shade)
संस्कृत (Sanskrit) कण्टकारी, दुस्पर्शा, क्षुद्रा, व्याघी, निदिग्धिका, कण्टकिनी, धावनी
उर्दू (Urdu) कटीला (Katilla)
गुजराती (Gujrati) भोयारिंगणी (Bhoyaringani)
मराठी (Marathi) पसरकटाई (Pasarkatai), रिङ्गणी (Ringani), भुईरिङ्गणी (Bhuiringani),
बंगाली (Bengali) कंटकारी (Kantakari)
तेलुगू (Telegu) वाकफडु (Vakudu), नेलवाकफडु (Nelavakudu)
तमिल (Tamil) सुट्टुरम (Sutturam), कांडनगट्टरी (Kandangattari)
मलयालम (Malayalam) कण्टकारीचुण्टा (Kantakarichunta), कण्टकारीवलुटाना (Kantakarivalutana), कण्टकट्टारी (Kantakattari)

कटेरी का पौधा कहां पाया जाता है (Where is the Kateri plant found)

Kantakari का पौधा भारतवर्ष के गर्म प्रदेशों में खरपतवार के रूप में सड़क के किनारे और खाली स्थानों पर उगआते है। कंटकारी का पौधा हिमालय पर लगभग 2200 मीटर की ऊचाई पर पाया जाता है।

कटेरी में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutritious elements in Kateri)

कंटकारी में अनेक पोषक तत्व पाए जाते है जैसे-

लीड (Lead ), कैडमियम (Cadmium ), सैपोनिन्स (saponin ), आइसोक्लोरोजेनिक (isochlorogenic), नियोक्रोनोजेनिक (neochronogenic), क्रोनोजेनिक (chronogenic ), सोलासोनिन (solasonine), फ्लेवोनोइड्स (flavonoids), सोलामार्जिन (solamargine), सोलानोकार्पिन (solanocarpine), बीटा-सोलामार्जिन ( beta -solamargine), अलक्लॉइड्स (alkaloids), कैफिक एसिड (caffeic acids), सोलानोकार्पिडीन (solanocarpidine), कॉपर (copper), आयरन (iron), जिंक (zinc) इत्‍यादि। (1)

कटेरी के उपयोगी भाग (Kateri Uses in Hindi)

कंटकारी के पौधे के लगभग सभी भागों का उपयोग औषधि के रूप में रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जैसे-

  • जड़
  • पत्ते
  • फूल
  • फल
  • बीज

कंटकारी (कटेरी) के फायदे (Kateri Benefits in Hindi)

कटेरी में अनेक औषधीय गुण मौजूद हैं‚ इसका उपयोग (Kateri uses in hindi) करने से अनेक रोगों में लाभ मिलता है, जैसे आंखों के रोगों में, मिर्गी की समस्या में, खांसी में, अस्थमा में, सिर दर्द में, कैंसर से बचाव में, उल्टी की समस्या इत्यादि। कंटकारी के फायदों को विस्तार से जानने के लिए इस लेख को आगे पढ़े।

पेट के रोगों में कटेरी से लाभ (Kateri Benefits in Stomach Diseases in Hindi)

आयुर्वेद में कंटकारी का उपयोग पेट से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए सदियों से होता चला आ रहा है। आयुर्वेद के अनुसार कंटकारी में पाचन का गुण मौजूद होता है‚ जो पेट से जुड़े रोग जैसे कब्‍ज‚ पेट दर्द‚ पेट फूलना इत्‍यादि को ठीक करने में मदद करता है।

कटेरी के उपयोग से बुखार में लाभ (Kateri Benefits in fever in Hindi)

कंटकारी में कई औषधीय गुण मौजूद होते है‚ जो बुखार को ठीक करने में मदद करते हैं। इसका प्रयोग बुखार उतारने वाली कई आयुर्वेदिक टेबलेट और सीरप को बनाने में किया जाता है। बुखार उतारने में कंटकारी को निम्नानुसार प्रयोग किया जाये तो काफी लाभ मिलता है।

  • कंटकारी की जड़ और गिलोय को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें‚ इसक काढ़े का सुबह–शाम नियमित रूप से सेवन करें। इस काढ़े से बुखार को ठीक करने में लाभ मिलाता है। इसके अलावा शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है।

बवासीर में कटेरी से फायदा (Kateri Benefits in Piles in Hindi)

आयुर्वेद में बवासीर को अर्श के नाम से जाना जाता है। बवासीर की समस्‍या में मलत्‍याग के समय दर्द‚ जलन और खून आने जैसी समस्‍याएं होने लगती हैं। इस रोग में कंटकारी के घरेलू नुस्‍खे से लाभ हो सकता है।

  • श्वेत कंटकारी (Solanum lasiocarpum Dunal)के फल को तोरई (Turai) के काढ़े में पकाकर प्रयोग में लाने से बवासीर में मलत्‍याग के समय होने वाले दर्द‚ जलन और खून आने की समस्‍या में लाभ हो सकता है।

और पढ़ें– खूनी और बादी बवासीर को जड़ से ठीक करने की सर्वोत्‍तम दवा

कंटकारी के उपयोग से दांतों के दर्द को करें ठीक (Kantakari Benefits in Relieving Toothache in Hindi)

आयुर्वेदिक चिकित्‍सक दांतों के दर्द को ठीक करने के लिए कंटकारी का उपयोग कई वर्षों से करते आ रहे हैं। दांत दर्द को दूर करने के लिए कंटकारी का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है जैसे-

  • कटेरी के बीजों को निकालकर उसका धुआं दर्द वाले दांत पर देने से दर्द ठीक होता है।
  • कंटकारी की जड़‚ छाल‚ पत्‍ते और फल को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े से कुल्‍ला करने पर दांतों में होने वाला दर्द हमेशा के लिए ठीक हो जाता है।

कटेरी से आँखों के दर्द में लाभ (Kateri Benefits in Eye Pain in Hindi)

आंखें हमारे शरीर का एक बहुत महत्‍वपूर्ण और संवेदनशील अंक है। कभी–कभी पूरे दिन कम्‍प्‍यूटर पर काम करने से भी आंखों में दर्द होने लगता है‚ आंखों में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं।

  • आंखों में होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए कंटकारी के पत्‍तों को लेकर लेप बना लें इस लेप को आँखों पर बांधने से दर्द में लाभ होता है।

खाँसी की समस्या में कटेरी के उपयोग से लाभ (Kateri Benefits in Cough Problem in Hindi)

मौसम बदलने के कारण ज्‍यादातर लोगों को खांसी की समस्या हो जाती है और यदि खांसी की समस्या कम नहीं हो रही है‚ तो कंटकारी के फूलों का प्रयोग करना काफी लाभदायक होता है।

  • कंटकारी के फूलों के पाउडर में शहद (मधु) मिलाकर सुबह शाम रोजाना सेवन करने से खाँसी की समस्या में बहुत जल्‍दी राहत मिल जाती है।

उल्टी की समस्या में कटेरी से लाभ (Kantakari Benefits in Vomiting in Hindi)

कंटकारी में कई औषधीय गुण उपस्‍थिति होते हैं‚ यह औषधीय गुण मानव शरीर में होने वाली कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। उल्‍टी होने पर कंटकारी का उपयोग निम्‍नानुसार किया जा सकता है-

  • कंटकारी के रस (10-20 ML)को निकालकर एक चम्‍मच शहद में मिलाकर सेवन करने से उल्‍टी की समस्‍या में राहत मिलती है।

कंटकारी के उपयोग से सिर दर्द में फायदा (Kantakari Benefits in Headache in Hindi)

सिर दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं कभी–कभी दिनभर की भागदौड़ और मानसिक थकान के कारण सिर दर्द होने लगता है। इस तरह से होने वाले सिर दर्द को ठीक करने के लिए कंटकारी के फल के रस को निकालकर माथे पर लगाना चाहिए।

कंटकारी के उपयोग से मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभ (Kateri Benefits in Urinary Problems in Hindi)

मूत्र संबंधी समस्याएं जैसे मूत्र त्याग के समय दर्द या जलन होना, मूत्र का रुक–रुक कर आना इत्यादि। कंटकारी के औषधीय गुण मूत्र से जुड़ी इन समस्‍याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। मूत्र संबंधी समस्याओं में कंटकारी का उपयोग निम्‍नप्रकार किया जा सकता है जैसे-

  • छोटी और बड़ी दोनो तरह की कंटकारी की जड़ को लेकर पाउडर बना लें। इस पाउडर का सेवन सुबह–शाम दो चम्‍मच दही के साथ करने से मूत्र त्याग में होने वाली कठिनाई दूर होती है।
  • मूत्र की रुकावट को ठीक करने के लिए कंटकारी के रस (15–20 ML) को छाछ में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए।

मासिक धर्म के दर्द में कंटकारी से लाभ (Kantakari Benefits in Menstrual Pain in Hindi)

मासिक के समय कई महिलाओं को अधिक दर्द और माहवारी अनियमितता की समस्‍या होने लगती है। इन समस्‍याओं को ठीक करने के लिए कंटकारी के बीजों का उपयोग किया जा सकता है।

हृदय रोग में कंटकारी से लाभ (Kateri Benefits in Heart Disease in Hindi)

कटेरी एक कांटेदार औषधि है इसके फायदों के बारे में कई आयुर्वेदिक ग्रन्‍थों में बताया गया है। कंटकारी का उपयोग करने से हृदय रोग को कम करने में मदद मिलती है इसका उपयोग निम्‍नप्रकार किया जा सकता है-

  • श्वेत कंटकारी की जड़ की छाल के पाउडर (1-2 ग्राम) का सेवन दिन में एक बार करने से हृदय रोग को कम करने में मदद मिलती है।

कंटकारी के उपयोग से गंजेपन की समस्‍या करें दूर (Kantakari Benefits in Alopecia in Hindi)

कभी–कभी बीमारी के कारण लोगों के बाल गिर जाते हैं और लोग गंजे हो जाते हैं।

  • गंजेपन की समस्‍या को ठीक करने के लिए कंटकारी के पत्‍ते या फल के रस में शहर मिलाकर सिर पर चंपी करनी चाहिए।

दस्त की समस्‍या में कंटकारी से फायदे (Kateri Benefits in Preventing Diarrhea in Hindi)

यदि ज्यादा मिर्च मसाले वाला या बारह का खाना खाने के कारण दस्त की समस्या हो रही है। तो Kantakari के घरेलू नुस्खे से लाभ पाया जा सकता हैं।

  • श्वेत कंटकारी के फल के पाउडर (1-2 ग्राम) का सेवन छाछ के साथ करने से दस्त की समस्या मे लाभ होता है।

खुजली की समस्‍या में कटेरी से लाभ (Kantakari Benefits in Itching in Hindi)

कंटकारी के औषधीय गुणों से खुजली की समस्‍या में लाभ होता है। कंटकारी की पत्‍तियों को पीसकर लेप बना लें‚ इस लेप को खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली ठीक होती है।

कंटकारी के नुकसान (Kateri Side Effects in Hindi)

कंटकारी एक औषधीय गुणों वाला पौधा है यदि इसका उपयोग सही तरह से किया जाए तो कोई नुकसान नहीं होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

कंटकारी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं आयुर्वेद में इसका उपयोग सदियों से रोगों को ठीक करने के लिए होता आ रहा है। कंटकारी के उपयोग से बवासीर‚ दस्‍त‚ बुखार‚ हृदय रोग‚ मूत्र संबंधी समस्‍या इत्‍यादि में लाभ होता है।

Frequently Asked Questions (F&Qs)

कंटकारी क्या काम आती है ॽ

Kantakari का उपयोग औषधि के रूप में कई रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जैसे मिर्गी, खांसी, सिर दर्द, अस्थमा और बुखार इत्यादि।

कंटकारी का दूसरा नाम क्या हैॽ

भारतवर्ष में कंटकारी को कई नामों से जाना जाता है जैसे कटेरी, छोटी कटाई, भटकटैया, रेंगनी, कटाली इत्यादि।

कटेरी का वैज्ञानिक नाम क्या है ?

कटेरी का वैज्ञानिक नाम सोलेनम वर्जिनीएनम (solavum virginiannum) होता है।

कटेरी का पौधा क्या है ?

कटेरी एक औषधीय गुणों वाला पौधा है आयुर्वेद में इसे एक औषधि का दर्जा दिया जाता है।

भटकटैया का सेवन कैसे करें ?

भटकटैया का सेवन रोग के अनुसार अलग-अलग तरह से किया जा जाता है। भटकटैया के पाउडर‚ रस‚ और काढ़े का सेवन किया जाता है।

कंटकारी का अंग्रेजी में क्‍या नाम है ॽ

कंटकारी को अंग्रेजी में थॉर्नी नाइट शेड (Thorny night shade) के नाम से जाना जाता है।

कटेरी कितने प्रकार की होती है ?

कटेरी कई प्रकार की होती है‚ लेकिन आयुर्वेद में रोगों को ठीक करने के लिए छोटी कंटकारी‚ बड़ी कंटकारी और श्वेत कंटकारी को ही प्रयोग में लाया जाता है।

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