शतावरी के फायदे और नुकसान | Shatavari Benefits in Hindi

Shatavari Benefits in Hindi : प्राचीन काल से ही भारत में आयुर्वेद के माध्यम से कई रोगों का इलाज होता आ रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्‍सा में कई औषधियों का उपयोग किया जाता है‚ जिसमें से Shatavari एक प्रमुख औषधि है। इस औषधि के बारे में बहुत ही कम लोग जानते होगे। जानकारी के आभाव में लोग इसका कम इस्तेमाल कर पाते हैं। यह शरीर में होने वाले कई तरह के रोगों को ठीक करती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको शतावरी (Asparagus) के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी देगें।

Table of Contents

शतावरी क्या है (What is Shatavari in Hindi)

शतावरी एक औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी–बूटी है। इसका पौधा बेल या झाड़ के रूप में मिलता है, शतावरी की लता झाड़ीदार फैली हुई होती है। शतावरी की एक बेल के नीचे 100 से अधिक जड़ें होती हैं। शतावरी की जड़ें 30-100 सेन्‍टीमीटर लम्‍बी और 1-2 सेन्‍टीमीटर मोटी होती हैं, इसकी जड़ों के सिरे नुकीले होते हैं। शतावरी की जड़ों के ऊपर भूरे रंग पतला छ्‍लिका चढ़ा होता है। शतावरी के उपयोग से कई रोगों में लाभ होता है।

अन्‍य भाषाओं में शतावरी के नाम (Shatavari Name in Other Languages)

शतावरी को अलग–अलग भाषाओं में अलग–अलग नामों से जाना जाता है जैसे-

भाषानाम
Hindi सतावर, शतावरी, सरनोई, सतावरि, सतमूली,
English वाईल्ड एस्पैरागस (Wild asparagus)
Sanskrit शतावरी, शतपदी, शतमूली, काञ्चनकारिणी, पीवरी, सूक्ष्मपत्रिका, महाशीता, नारायणी
Urdu सतावरा (Satavara)
Oriya मोहनोले (Mohnole), चोत्तारु (Chhotaru)
Gujarati शतावरी (Shatavari), एकलकान्ता (Ekalkanta)
Nepali कुरीलो (Kurilo), सतामूलि (Satamuli)
Punjabi बोजीदान (Bozidan), बोजान्दन (Bozandan)
Bengali सतमूली (Satmuli), शतमूली (Shatamuli)
Malayalam शतावलि (Shatavali)‚ शतावरि (Shatavari)
Marathi शतावरी (Shatavari)‚ अश्वेल (Asvel)
Arabic शकाकुल (Shaqaqul)
Persian शकाकुल (Shaqaqul)
Tamil पाणियीनाक्कु (Paniyinakku), किलावरि (Kilavari)
Telugu एट्टावलुडुटीगे (Ettavaludutige), छल्लागडडा (Challagadda)


शतावरी के प्रकार (Types of Shatavari in Hindi)

शतावरी का उपयोग करने से पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि Shatavari कितने तरह की होती है और कौन सी शतावरी का प्रयोग करने से हमें ज्यादा लाभ होगा। हमारे भारत वर्ष में तीन तरह की शतावरी पायी जाती है–

  • हरी शतावरी
  • बैगनी शतावरी
  • सफेद शतावरी

हरी शतावरी – हरी शतावरी हमारे भारतवर्ष में ज्यादातर देखने को मिलती है। हम आपको बताना चाहते है कि हरी शतावरी और सफेद शतावरी दोनों में कुछ ज्यादा अन्तर नहीं होती है। लगभग दोनों समान होती हैं। हरी शतावरी का विकास सूर्य की रोशनी में होता है।

बैंगनी शतावरी – बैंगनी शतावरी अलग प्रकार की शतावरी होती है। बैंगनी शतावरी में एंटी ऑक्सीडेंट्स बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है‚ जिसके कारण इसका रंग बैंगनी रहता है। अपने रंग के कारण ही इसे बैंगनी शतावरी कहा जाता है। बैंगनी शतावरी को ज्यादा देर तक नहीं पकाना चाहिए। ज्यादा देर तक पकाने से इसका बैंगनी रंग बदल जाता है और इसके आयुर्वेदिक गुणों का भी ह्रास हो जाता है।

सफेद शतावरी – शतावरी का तीसरा प्रकार सफेद शतावरी होता है। यह मिट्टी के अंदर छायादार जगहों पर ही उगायी जाती है। छायादार स्थानों पर सूरज की रोशनी शतावरी के पौधों तक आसानी से नहीं पहुँच पाती है। जिसके कारण इसका रंग सफेद रह जाता है।

और पढ़ें– खूनी और बादी बवासरी को जड़ से समाप्त करने की दवा

शतावरी में पाये जाने वाले महत्वपूर्ण पोषक तत्व (Important Elements Found in Shatavari)

शतावरी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाये जाते हैं जैसे –

  • पोषक तत्व – जल, प्राटीन, कुललिपिड(वसा), कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कुलडाइटरी, शुगर इत्यादि
  • मिनरल – कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, सोडियम इत्यादि
  • विटामिन – विटामिन– सी, थायमिन, नियासिन, विटामिन बी–6, फोलेट, डीएफई, विटमिन बी–12 इत्यादि

शतावरी के उपयोगी भाग (Used Parts of Shatavari)

शतावरी के लगभग सभी भागों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है जैसे-

  • पत्‍ते
  • जड़
  • तना

शतावरी के फायदे (Shatavari Benefits in Hindi)

शतावरी (Asparagus) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। शतावरी (Asparagus) में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। शतावरी का इस्तेमाल करके हम अपनी दिनचर्या को और भी बेहतर बना सकते हैं। आयुर्वेद में शतावरी का उपयोग सादियों से होता आ रहा है।

महिलाओं को गर्भावस्था एवं मासिक धर्म के दौरान अक्सर कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं‚ जिनको दूर करने में शतावरी (Asparagus) का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करने से पुरुषों मे मोटापे जैसी समस्या दूर होती है और इसके साथ–साथ पुरुषों की प्रजनन क्षमता में भी वृद्धि हो जाती है। शतावरी का उपयोग करने से कई फायदे होते हैं। चलिए शतावरी से होने वाले फायदों के बारे में एक–एक करके विस्‍तार से जानते हैं।

वजन घटाने में शतावरी से लाभ (Shatavari Benefits in Weight Loss)

Shatavari वजन घटाने में सहायता करती है। क्योंकि शतावरी (Asparagus) में कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है। वजन को कम करने के लिए फाइबर से भरपूर और कम कौलोरी वाली डाइट ज्यादा लाभकारी मानी जाती है। शतावरी के उपयोग से वजन को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। शतावरी में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जो मोटापे को कम करने में मदद करता है।

शतावरी से रतौंधी की समस्‍या में फायदा (Shatavari Benefits in Night Blindness)

शतावरी (Asparagus) की मदद से कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है‚ रतौंधी उनमें से एक है। रतौंधी को ठीक करने के लिए Shatavari के पत्तों को घी में तल कर सेवन करना चाहिए।

कैंसर रोग में शतावरी से लाभ (Shatavari Benefits in Cancer)

शतावरी के उपयोग से कैंसर जैसी भयानक बीमारी को भी ठीक किया जा सकता है। शतावरी में सल्फोराफेन पाया जाता है‚ जो कैंसर को ठीक करने में मदद करता है। (1)

अनिद्रा रोग में फायदेमंद शतावरी (Shatavari Benefits in Insomnia)

भारत में बहुत लोग नींद ना आने की समस्या से परेशान है। अनिद्रा जैसे रोग को ठीक करने के लिए Shatavari चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रगनेंसी में मददगार शतावरी (Shatavari Benefits in Pregunancy)

प्रगनेंसी के समय शतावरी का प्रयोग करना अधिक लाभकारी सिद्ध होता है। शतावरी में फोलेट अधिक मात्रा में पाया जाता है। फोलेट प्रगनेंसी के समय महिला और भ्रूण दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्‍छा माना जाता है।

मधुमेह में शतावरी से लाभ (Shatavari Benefits in diabetes)

शतावरी (Asparagus) कई रोगों को ठीक करने में सहायक है। प्रचीन काल से ही मधुमेह रोग को दूर करने के लिए Shatavari का प्रयोग किया जाता रहा है। वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि शतावरी हाइपर ग्लाइसेमिक क्रिया को बढ़ाने का काम करता है जिससे रक्त में शुगर की बढी हुयी मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। (2)

शतावरी से नींद न आने की समस्या में लाभ (Shatavari Benefits in Insomnia)

शतावरी के उपयोग से नींद न आने की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। शतावरी (Asparagus) के चूर्ण को दूध के साथ खाने से नींद न आने की समस्‍या में लाभ होता है।

सिर दर्द को दूर करने में लाभदायक शतावरी (Shatavari Benefits in Headache)

शतावरी (Asparagus) के उपयोग से सिर दर्द को ठीक करने में मदद मिलती है। शतावरी की जड़ों को कूटकर उनका रस निकाल लें, इसके रस के बराबर तिल का तेल मिलाकर गुनगुना करके सिर पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।

पेट दर्द में उपयोगी शतावरी (Shatavari Benefits in Stomach Ache)

शतावरी के उपयोग से कई रोगों में फायदा होता है। शतावरी के रस का सेवन करने से पेट दर्द की समस्‍या ठीक होती है।

महिलाओं का दूध बढ़ाने में उपयोगी शतावरी (Shatavari Benefits in Increasing Breast Milk)

अधिकतर महिलाओं में बच्चें को जन्म देने के उपरान्त स्तनों में दूध कम होने की समस्या को देखा जाता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए शतावरी (Asparagus) चूर्ण को दूध में मिला कर पीना चाहिए। (4)

शतावरी के उपयोग से सर्दी–जुकाम में लाभ (Shatavari Benefits in Cold and Cough)

शतावरी के प्रयोग से सर्दी–जुकाम की समस्‍या में राहत मिलती है। शतावरी की जड़ों से काढ़ा बनाकर सेवन करने से सर्दी–जुकाम की समस्‍या में राहत मिलती है।

आंखों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक शतावरी (Shatavari Benefits in Eye Related Problems)

आंखों की समस्याओं को दूर करने में शतावरी (Asparagus) का प्रयोग कर सकते है। Shatavari में विटामिन–ए पाया जाता है। वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि विटामिन–ए व्यक्ति के दृष्टि दोष को दूर करने में सहायक है।

मासिक धर्म की समस्याओं में फायदेमंद शतावरी (Shatavari Benefits in Menstrual Problems)

मासिक धर्म के समय होने वाली समस्‍याएं जैसे मासिक धर्म से पहले या बाद में पेट दर्द होना, पेट में ऐठन होना, अनियमितता होना इत्‍यादि। शतावरी (Asparagus) में कुछ ऐसी विटामिन्स पायी जाती हैं‚ जिससे मासिक धर्म से पहले या बाद में होने वाले दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। (3)

त्वचा और बालों के रोगों में शतावरी से राहत (Shatavari Benefits in Skin and Hair Diseases)

त्वचा और बालों के रोगों को दूर करने के लिए शतावरी का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें पाये जाने वाले विटामिन्स और पोषक तत्व जैसे जिंक, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम आदि बालों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।

माइग्रेन की समस्‍या में शतावरी से लाभ (Shatavari Benefits in Migraine)

शतावरी का उपयोग सदियों से रोगों को ठीक करने के लिए होता आ रहा है। Shatavari में पायी जाने वाली राइबोफ्लेविन विटामिन माइग्रेन जैसी बीमारी को दूर कर सकती है।

घाव को सुखाने में उपयोगी शतावरी (Shatavari Benefits in Draying Wounds)

शतावरी का उपयोग करने से पुराने से पुराना घाव ठीक होता है। घाव को सुखाने के लिए शतावरी के पत्तों का प्रयोग किया जा सकता है।

गुर्दे की पथरी को ठीक करने में सहायक शतावरी (Shatavari Benefits in Curing Kidney Stones)

गुर्दे की पथरी को शतावरी की मदद से ठीक कर सकते हैं। गुर्दे की फथरी ऑक्सालेट (Oxalate) से बनी होती है। Shatavari की जड़ के रस का सेवन करने से शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा बढत़ी है। हमारे शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ने पर मूत्र में क्रिस्टल का विकार रुक जाता है। जो गुर्दे की पथरी का निर्माण करता है।

नाक से जुड़ी समस्‍याओं में शतावरी से लाभ (Shatavari Benefits in Curing Nasal Diseases)

आयुर्वेद में शतावरी का उपयोग सदियों से कई रोगों को ठीक करने के लिए होता आ रहा है। नाक से जुड़ी समस्‍याओं को ठीक करने के लिए शतावरी चूर्ण को दूध में पका कर पीना चाहिए।

वजन कम करने में उपयोगी शतावरी (Shatavari Benefits in Losing Weight)

शतावरी के उपयोग से वजन को कम किया जा सकता है। Shatavari में पाये जाने वाले फाइबर के कारण भूख कम लगती है जिससे वजन को कम करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

शतावरी का उपयोग रोगों को ठीक करने के लिए सदियों से होता आ रहा है। शतावरी एक बहुत उपयोगी जड़ी–बूटी है, इसमे कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। शतावरी में उपस्‍थिति औषधीय गुणों से घाव को भरने, वजन कम करने, त्‍वचा रोग, मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द को ठीक करने इत्‍यादि में मदद मिलती है।

FREQUENTLY ASKED QUESTIONS(FAQs)

शतावरी के नुकसान क्या है ?

शतावरी एक औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी–बूटी है। इसका सेवन करने से कोई नुसकान नहीं होता है।

शतावरी कौन सी बीमारी को ठीक करती है ?

शतावरी का सेवन करने से मधुमेह‚ वजन घटाने में‚ आंखों से जुड़ी बीमारियों में, मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द इत्‍यादि को ठीक करने में मदद मिलती है।

क्या पुरुष शतावरी खा सकते हैं ?

पुरुष शतावरी का सेवन कर सकते हैं। शतावरी का सेवन करने से पुरुषो की प्रजनन क्षमता में भी वृद्धि होती है।

क्या शतावरी किडनी के लिए हानिकारक है ?

शतावरी एक औषधि है, इसका उपयोग रोगों को ठीक करने के लिए सदियों से होता आ रहा है। इसका सेवन करने से किडनी पर कोई दुष्‍प्रभाव नहीं होता है।

ये भी पढ़ें–

अमलतास के उपयोग और फायदे

एलोवेरा के उपयोग और फायदे

Leave a Comment