Ashwagandha Benefits in Hindi : भारतवर्ष में अश्वगंधा का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए प्राचीन काल से होता चला आ रहा है। आयुर्वेद में अश्वगंधा को एक विशेष औषधि का दर्जा दिया जाता है। बीमारियों को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग कई तरह से किया जाता है। भारत में Ashwagandha की खेती सूखे भागों में होती है। सूखे भाग जैसे मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान व गुजरात। अश्वगंधा को चीन और नेपाल में सबसे ज्यादा उगाया जाता है। चलिए लेख में आगे अश्वगंधा के उपयोग और फायदों के बारे में विस्तार जानते हैं।
अश्वगंधा क्या है। (What is Ashwagandha in Hindi)
अगर आप आयुर्वेद के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं तो आप ने अश्वगंधा का नाम जरूर सुना होगा। अश्वगंधा एक बहुत पुरानी औषधि है। जिसका प्रयोग प्राचीन काल से ही रोगों को ठीक करने के लिए होता चला आ रहा है। अश्वगंधा दो शब्दों के मिलने से बना है जैसे– अश्व अर्थात् घोड़ा और गंध अर्थात सुगंध Ashwagandha के पौधे को मसल के सूंघने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है।
बीमारियों को ठीक करने के लिए वनों में मिलने वाली अश्वगंधा से खेती के माध्यम से उगायी जाने वाली अश्वगंधा अधिक अच्छी होती है। लेकिन तेल निकालने के लिए वनों मे पायी में पायी जाने वाली अश्वगंधा ज्यादा अच्छी होती है।
अश्वगंधा के प्रकार (Types of Ashwagandha in Hindi)
अश्वगंधा दो प्रकार की होती है।
बड़ी अश्वगंधा – बड़ी अश्वगंधा की जड़े छोटी और झाडियां बड़ी होती है, बड़ी अश्वगंधा घर के बगीचे, खेतों और पहाड़ी इलाकों में अधिकतर पायी जाती है।
छोटी अश्वगंधा – छोटी अश्वगंधा की जड़ें छोटी और झाड़ियां बड़ी होती हैं।
अन्य भाषाओं में अश्वगंधा के नाम (Ashwagandha Name in Other Languages)
Ashwagandha को कई नामों से जाना जाता है। अश्वगंधा के अन्य नाम जैसे अश्वगंधा को असगंध के नाम से भी जाना जाता है। अश्वगंधा का वानस्पतिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania Somnifera) है। विथानिया की 26 प्रजातियां है। 26 प्रजातियों में से 2 प्रजातियाँ (सॉम्नीफेरा,कोएग्मूलेंस) भारत में पायी जाती है। व्यापारिक स्तर पर अश्वगंधा को खरीफ की फसल के रूप में जाना जाता है। अवश्वगंधा को अन्य भाषाओं में अलग–अलग नामों से जाना जाता है जैसे-
भाषा | नाम |
---|---|
हिन्दी (Hindi) | असगन्ध, अश्वगंधा, पुनीर, नागोरी असगन्ध |
अंग्रेजी (English) | मेंविंटर चेरी (Winter cherry), पॉयजनस गूज्बेर्री (Poisonous gooseberry) |
संस्कृत (Sanskrit) | वराहकर्णी, वरदा, अश्वगंधा |
उर्दू (Urdu) | असगंधनागोरी (Asgandanagori) |
गुजराती (Gujarati) | आसन्ध (Aasandh), घोडासोडा (Ghodasoda), असोड़ा (Asoda) |
तमिल (Tamil) | चुवदिग (Chuvdig), अमुक्किरा (Amukkira), अम्कुंग (Amkulang) |
नेपाली (Nepali) | अश्वगन्धा (Ashwagandha) |
पंजाबी | (Punjabi) असगंद (Asgand) |
मलयालम (Malyalam) | अमुक्करम (Amukkuram) |
अश्वगंधा के उपयोगी भाग (Useful Parts of Ashwahandha in Hindi)
अश्वगंधा के लगभग सभी भागों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है जैसे-
- फूल
- फल
- पत्ते
- जड़
अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits in Hindi)
अश्वगंधा एक औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी–बूटी है, जिसका प्रयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा के उपयोग से कई रोगों में राहत पायी जा सकती है जैसे अनिद्रा, आंखों से जुड़ी बीमारियों में, हृदय रोग में, वजन कम करने इत्यादि। चलिए इस लेख में आगे अश्वगंधा के फायदों के बारे में एक–एक करके विस्तार से जानते हैं।
तनाव को दूर करने में अश्वगंधा से लाभ (Ashwagandha Benefits in Relieve Stress in Hindi)
अश्वगंधा का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए प्राचीन काल से होता चला आ रहा है। अश्वगंधा में एंटी–स्ट्रेस गुण पाया जाता है‚ जो तनाव को दूर करने में मदद करता है और यह तनाव के कारण होने वाली बीमारियों से भी बचाता है।
अश्वगंधा से लिंग की कमजोरी को करें दूर (Ashwagandha Benefits in Penis Weakness in Hindi)
आजकल के पुरूष अपने काम में अधिक व्यस्त हो गए हैं जिसकी बजह से उनका लाइफ स्टाइल काफी खराब होती जा रही है। जिसके कारण पुरूषों को लिंग की कमजोरी और सेक्स से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है‚ जिसके कारण उनका वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। लिंग की कमजोरी को दूर करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है जैसे-
- अश्वगंधा के पाउडर और खांड को समान मात्रा में मिला कर मिश्रण बना लें‚ एक चम्मच मिश्रण का सेवन सुबह खाली पेट गाय के दूध के साथ करने से लिंग की कमजोरी दूर होती है।
- अश्वगंधा की जड़ को पीस कर पाउडर बना लें, इस पाउडर को कपड़े से छान कर चमेली के तेल में अच्छी तरह मिला कर लिंग पर मालिश करने से भी लिंग की कमजोरी दूर होती है।
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अश्वगंधा के उपयोग से अनिद्रा की समस्या में फायदा (Ashwagandha Benefits in Curing Insomnia in Hindi)
अश्वगंधा के प्रयोग से अनिद्रा की समस्या में लाभ पाया जा सकता है। अश्वगंधा की पत्तियों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक मैजूद होता है‚ जो व्यक्ति को गहरी नींद में सोने में मदद करता है।
कैंसर की बीमारी में अश्वगंधा से लाभ (Ashwagandha Benefits in Curing Cancer in Hindi)
अश्वगंधा में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं‚ जो अनेक बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। अश्वगंधा में एंटी–ट्यूमर ऐजेंट पाया जाता है‚ जो कैंसर को रोकने में मदद करता है।
इम्यूनिटी को बढ़ाने में लाभदायक अश्वगंधा (Ashwagandha Benefits in Increasing Immunity in Hindi)
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने पर किसी भी बीमारी से लड़ा जा सकता है। अश्वगंधा के पाउडर के उपयोग से इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है। इसके पाउडर में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव मौजूद होता है‚ जो व्यक्ति के शरीर के हिसाब से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बदलाव कर सकता है।
मोतियाबिंद की समस्या में अश्वगंधा से लाभ (Ashwagandha Benefits in Cataract in Hindi)
प्राचीन काल से ही अश्वगंधा का उपयोग मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए होता चला आ रहा है। अश्वगंधा में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट गुण आंखों में होने वाले मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।
वजन कम करने में अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits in Weight Loss in Hindi)
अश्वगंधा एक औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी–बूटी है आयुर्वेद में इसका उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है। अश्वगंधा की जड़ के रस का सेवन करने से अधिक भूख लगने की समस्या में लाभ होता है और वजन को कम करने मदद मिलती है।
सफेद बालों की समस्या में अश्वगंधा से लाभ (Ashwagandha Benefits in Stop Gray Hair in Hindi)
बुढ़ापे में बाल सफेद होना एक आम बात है, लेकिन कभी–कभी उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं। इस समस्या को ठीक करने के लिए रोज 2-4 ग्राम अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits in Increasing Eyesight in Hindi)
आंख हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। आंखों की रोशनी कम हो जाने पर 2 ग्राम अश्वगंधा‚ 2 ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी को पीस कर पाउडर बना लें। इस पाउडर का सेवन सुबह शाम पानी के साथ करने से आंखों की रोशनी बढ़ाने मदद मिलती है।
अश्वगंधा से ल्यूकोरिया की समस्या में लाभ (Ashwagandha Benefits in Cure Leukorrhea in Hindi)
ल्यूकोरिया को सफेद पानी या श्वेत प्रदर के नाम से भी जाना जाता है‚ ज्यादातर महिलाओं को सफेद पानी की समस्या हो जाती है। यह एक आम बीमारी है इसे अश्वगंधा के उपयोग से ठीक किया जा सकता है।
- अश्वगंधा के जड़ के पाउडर में मिश्री मिला कर गाय के दूध के साथ दिन में दो बार (सुबह–शाम) सेवन करना चाहिए।
- अश्वगंधा, उड़द दाल, गुड़‚ तिल और देसी घी को बराबर मात्रा में मिलाकर लड्डू बना लें। एक लड्डू को सुबह नियमित रूप से खाने से भी ल्यूकोरिया की समस्या में लाभ होता है।
अश्वगंधा से गठिया को करें ठीक (Ashwagandha Benefits in Arthritis in Hindi)
गठिया की समस्या होने पर अश्वगंधा का सेवन कई तरह से कर सकते हैं जैसे-
- अश्वगंधा के पाउडर का सेवन सुबह–शाम गुनगुने दूध या पानी के साथ करने से गठिया रोग में लाभ होता है।
- अश्वगंधा के ताजे पत्तों को लेकर पानी मे डाल कर उबाल लें। पानी की मात्रा आधी रह जाने पर पानी को छान कर नियमानुसार 7-8 दिन तक सेवन करने से सभी गठिया की समस्या में लाभ होता है।
अश्वगंधा के उपयोग से बुखार को करें ठीक (Ashwagandha Benefits in Fever in Hindi)
प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सक कई रोगों को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का उपयोग करते आ रहे हैं। पुराने से पुराने बुखार को ठीक करने के लिए 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 1 ग्राम गिलोय के रस में मिलाकर गुनगुने पानी या शहद के साथ रोज शाम को सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा के उपयोग से पेट के कीड़ों को करें खत्म (Ashwagandha Benefits in Intestinal Worms in Hindi)
व्यक्ति के पेट में होने वाले कीड़े एक तरह के परजीवी होते हैं। यह कीड़े व्यक्ति की आंतों मे रह कर पोषण प्राप्त करते हैं जिसके कारण शरीर के विकास में कमी आ जाती है और पेट दर्द‚ थकान‚दस्त जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
- पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए अश्वगंधा और गडुची (गिलोय) के पाउडर को समान मात्रा में लेकर दो छोटी चम्मच शहद के साथ नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
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अश्वगंधा से छाती के दर्द में लाभ (Ashwagandha Benefits in Chest Pain in Hindi)
अश्वगंधा में मौजूद औषधीय गुणों से छाती में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। छाती के दर्द को ठीक करने के लिए 2 ग्राम अश्वगंधा के जड़ के पाउडर का सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा से नुकसान (Ashwagandha Side Effects in Hindi)
प्राचीन काल से ही अश्वगंधा का प्रयोग शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने में प्रयोग होता आ रहा है। अश्वगंधा का सेवन करने से अभी तक कोई साइड इफेक्ट किसी भी मरीज को नहीं पाये गये है लेकिन गर्म प्रकृति वाले लोगों पर इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
अश्वगंधा को आयुर्वेद में एक विशेष औषधि का दर्जा दिया जाता है। Ashwagandha के फायदों के बारे में कई आयुर्वेदिक ग्रन्थों मे बताया गया है‚ इसका उपयोग करने से बुखार‚ लिंग की कमजोरी‚ छाती में होने वाला दर्द‚ आंखों की रोशनी बढ़ाने में‚ मोतियाबिंद इत्यादि रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है। गर्म प्रकृति वाले व्यक्तियों पर इसका सेवन करने से कुछ सामान्य साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
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Frequently Asked Questions (F&Qs)
अश्वगंधा खाने से क्या लाभ होता है ?
अश्वगंधा खाने से कई लाभ होते हैं जैसे ल्यूकोरिया, गठिया‚ छाती के दर्द में‚ खांसी में‚ आंखों की रोशनी बढ़ाने में‚ लिंग की कमजोरी दूर करने इत्यादि।
1 दिन में कितना अश्वगंधा खाना चाहिए ?
एक दिन में 1 से 2 चम्मच अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अश्वगंधा कितने दिन में असर दिखाती है ?
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार रोगों पर अश्वगंधा का असर दिखने में 8-10 दिन का समय लग जाता है।
अश्वगंधा खाने से पुरुषों को क्या लाभ होता है ?
अश्वगंधा के उपयोग से बुखार, दर्द खांसी और पुरूषों होने वाली लिंग की कमजोरी को दूर करने में मदद मिलती है।
अश्वगंधा रोज लेने से क्या होता है ?
आयुर्वेदिक चिकित्सक अश्वगंधा का उपयोग बीमारियों के उपचार में सादियों से करते आ रहे हैं। रोज अश्वगंधा का सेवन आवश्यकतानुसार करने से कई बीमरियों में फायदा होता है।
सुबह खाली पेट अश्वगंधा का सेवन करने से क्या होता है ?
सुबह खाली पेट अश्वगंधा का सेवन करने से मासिक तनवा को कम करने में मदद मिलती है।
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