Tribhuvan Kirti Ras uses in Hindi : त्रिभुवन कीर्ति रस एक आयुर्वेदिक टेबलेट है इसे गिलोय, शहद, सोठ और पीपल जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसका उपयोग बुखार खांसी-जुकाम, नसों के दर्द इत्यादि को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस टेबलेट को कई आयुर्वेदिक दवा निर्माता कम्पनियां अपने-अपने ब्रांड के नाम से बनाती है।
त्रिभुवन कीर्ति रस (Tribhuvan Kirti Ras) का उपयोग करने से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए। आज के इस लेख में हम त्रिभुवन कीर्ति रस के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानेगें।
Manufacturer | त्रिभुवन कीर्ति रस को कई आयुर्वेदिक कम्पनियों द्वारा बनाया जाता है जैसे Basic ayurveda, Baidyanath, Dabur, TriphalaPharmacy, Patanjali इत्यादि। |
Ingredients | सौंठ, अदरक का रस, धतूरे का रस, गिलोय शुद्ध हिंगुल, पीपल, शुद्ध बच्नाभ, काली मिर्च, सुहागे का फूल, तुलसी का रस |
M.R.P. | त्रिभुवन कीर्ति रस को कई आयुर्वेदिक कम्पनियों द्वारा बनाया जाता है इसलिये इसकी पैकिंग और कीमत अलग–अलग हो सकती है। |
त्रिभुवन कीर्ति रस में सम्मिलित औषधियां (Tribhuvankirti Ras Ingredients in Hindi)
त्रिभुवन कीर्ति रस को बनाने में आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों का प्रयोग किया जाता है। जो निम्नांकित हैं–
सोठ (Sonth) : अदरक को सुखाकर सोंठ बनाई जाती है आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग वर्षों से होता चला आ रहा है। इसके उपयोग से खांसी-जुकाम, दर्द, हृदय रोग को ठीक करने और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है।
गिलोय (Giloy) – गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है इसे गुडूची और अमृता के नाम से भी जाना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण मौजूद होते हैं। इसका उपयोग सदियों से रोगों को ठीक करने के लिए होता चला आ रहा हैं। गिलोय के उपयोग से बुखार, खांसी, इंफ्लेमेटरी डजीज, दर्द, दमा, अपच, पीलिया इत्यादि रोगों में लाभ होता है।
पीपल (Peepal) – पीपल के फायदों के बारे में कई प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रन्थों में बताया गया है। पीपल के प्रयोग से खांसी‚ बुखार, दर्द, सूजन‚ आंखों की बीमारी और पीलिया जैसे कई रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।
ऊपर बतायी गयी औषधियों के अलावा धतूरे का रस, शुद्ध हिंगुल, शुद्ध वत्सनाभ, काली मिर्च, सुहागे का फूल, पीपलामूल और तुलसी के रस भी त्रिभुवन कीर्ति रस की टेबलेट बनाने में प्रयोग किया जाता है। इन औषधियों से भी बुखार-जुकाम, खांसी, दर्द, पाचन रोग, सूजन जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है।
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त्रिभुवन कीर्ति रस के उपयोग और फायदे ( Tribhuvan Kirti Ras uses in Hindi )
त्रिभुवन कीर्ति रस एक आयुर्वेदिक टेबलेट है इसे कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसका उपयोग बुखार, खांसी-जुकाम, पाचन की समस्या, नासों के दर्द और इंफ्लेमेटरी डजीज (Inflammatory Disease) को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से होने वाले फायदे निम्न है-
त्रिभुवन कीर्ति रस के फायदे (Tribhuvan Kirti Ras Benefits in Hindi)
त्रिभुवन कीर्ति रस के उपयोग से कई रोगों में फायदा होता है जैसे-
त्रिभुवन कीर्ति रस से बुखार में लाभ (Tribhuvan Kirti Ras Benefits in Fever in Hindi )
त्रिभुवन कीर्ति रस को कई औषधियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसमें मौजूद सोंठ, गिलोय, शहद और पीपल बुखार को ठीक करता है।
त्रिभुवन कीर्ति रस से खांसी की समस्या में लाभ (Tribhuvan Kirti Ras Benefits in Cough in Hindi)
त्रिभुवन कीर्ति रस टेबलेट को धतूरे का रस शुद्ध हिंगुल, शुद्ध वत्सनाभ, काली मिर्च, सुहागे का फूल, पीपलामूल और तुलसी के रस इत्यादि से मिलाकर बनाया जाता है। ये औषधियां खांसी की समस्या को ठीक करतीं हैं।
पाचन की समस्या में त्रिभुवन कीर्ति रस से फायदा (Tribhuvan Kirti Ras Benefits in Digestion Problems in Hindi)
त्रिभुवन कीर्ति रस में तुलसी का रस, पीपल, सुहागे का फूल, धूतूरे का रस इत्यादि औषधियां मौजूद होती हैं। ये औषधियां पाचन से जुड़े रोगों को ठीक करने में मदद करती हैं।
त्रिभुवन कीर्ति रस से नसों के दर्द को करें ठीक (Tribhuvan Kirti Ras Benefits in Cure Nerve Pain in Hindi)
दर्द को वेदना भी कहते हैं त्रिभुवन कीर्ति रस में उपस्थित सोठ, गिलोय और पीपल से नसों में होने वाले दर्द को ठीक करने में मदद मिलती है।
त्रिभुवन कीर्ति रस से इंफ्लेमेटरी डजीज में लाभ (Tribhuvan Kirti Ras Benefits in Inflammatory Disease in Hindi)
हमारे शरीर की प्रक्रियाओं में आने वाली कमियों के कारण इंफ्लेमेटरी डजीज हो जाती है। त्रिभुवन कीर्ति रस में उपस्थित गिलोय, धतूरे का रस, शुद्ध हिंगुल, शुद्ध वत्सनाभ, काली मिर्च, सुहागे का फूल, पीपलामूल और तुलसी का रस इंफ्लेमेटरी डजीज को ठीक करता है।
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त्रिभुवन कीर्ति रस सेवन विधि (How to Use Tribhuvan Kirti Ras in Hindi)
त्रिभुवन कीर्ति रस आयुर्वेदिक जड़ी-बेटियों से बनायी गयी टेबलेट है। इसका उपयोग बुखार, सर्दी–खांसी-जुकाम, पाचन की समस्या, नसों के दर्द और इंफ्लेमेटरी डिजीज (Inflammatory Disease) को ठीक करने में किया जाता है। इसकी सेवन विधि व्यक्ति की बीमारी, आयु, वजन, लिंग और पुराने चिकित्सा इतिहास को देखकर निर्धारित की जाती है। इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए ताकि रोग के अनुसार दवा की उचित मात्रा और सेवन करने के सही समय निर्धारित हो सके।
त्रिभुवन कीर्ति रस की खुराक (Tribhuvan Kirti Ras Dosage in Hindi)
- बुखार आने पर त्रिभुवन कीर्ति रस की 1 से 2 टेबलेट का सेवन सुबह शाम भोजन करने से पहले या बाद में शहद या अदरक के रस के साथ करना चाहिए।
- सर्दी–खांसी की समस्या होने पर त्रिभुवन कीर्ति रस की 1 से 2 टेबलेट का सेवन दिन में दो बार भोजन करने के पहले या बाद में शहद या अदरक के रस के साथ करना चाहिए।
- इंफ्लेमेटरी डजीज को ठीक करने के लिए त्रिभुवन कीर्ति रस की 1 से 2 टेबलेट का सेवन सुबह शाम खाना खाने से पहले या बाद में अदरक के रस या शहद के साथ करना चाहिए।
शहद (Honey) – आयुर्वेदिक चिकित्सा में शहद का उपयोग कई रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। शहद में एंटीऑक्सिडेंट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, पोटेशियम, मैंगनीज और जिंक जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक त्वत मौजूद होते हैं। शहद के उपयोग से खांसी, बुखार, दर्द और हृदय रोग इत्यादि बीमारियों को ठीक में मदद मिलती है। त्रिभुवन कीर्ति रस को शहद के साथ ही सेवन करने की सलाह सभी आयुर्वेदिक चिकित्सक देते हैं।
त्रिभुवन कीर्ति रस से होने वाले साइड इफेक्ट (Tribhuvan Kirti Ras Side effects in Hindi)
त्रिभुवन कीर्ति रस को सोंठ, तुलसी का रस, पीपल, सुहागे का फूल, धतूरे का रस, गिलोय इत्यादि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। इसका सेवन करने वाले व्यक्तियों पर अभी तक कोई साडइ इफेक्ट नहीं देखा गया है। फिर भी यदि आपको इसको सेवन करने से कोई परेशानी महसूस हो रही है, तो तुरन्त इस टेबलेट का सेवन करना बन्द कर देना चाहिए और दोबारा सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
त्रिभुवन कीर्ति रस से जुड़ी कुछ सावधानियां (Tribhuvan Kirti Ras Precautions in Hindi)
- त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन करने से पहले इसके लेबल पर दी गयी जानकारी को अच्छी तरह पढ़ लेना चाहिए।
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गयी दवा की खुराक का सेवन करना चाहिए।
- त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन करने से पहले एक्सपायरी डेट जरूर देख लेनी चाहिए।
- अन्य दवाओं के साथ त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
- त्रिभुवन कीर्ति रस को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
त्रिभुवन कीर्ति रस का उपयोग बुखार, खांसी-जुकाम, पाचन की समस्या, नसों के दर्द और इंफ्लेमेटरी डिजीज (Inflammatory Disease) को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह एक आयुर्वेदिक टेबलेट है इसका सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है लेकिन इस दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए ताकि रोग के अनुसार दवा की उचित खुराक और टेबलेट के सेवन करने का सही समय निर्धारित हो सके।
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Frequently Asked Questions (FAQs)
त्रिभुवन कीर्ति रस कब लेना चाहिए
त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए। इसका सेवन सुबह शाम भोजन करने के बाद या पहले अदरक के रस या शहद के साथ किया जा सकता है।
त्रिभुवन कीर्ति रस किसके लिए प्रयोग किया जाता है
त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन बुखार, खांसी-जुकाम, पाचन की समस्या, नासों में होने वाले दर्द और इंफ्लेमेटरी डजीज को ठीक करने के लिए किया जाता है।
क्या त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन करना पूरी तरह सुरक्षित है।
त्रिभुवन कीर्ति रस एक आयुर्वेदिक टेबलेट है इसका सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है इसलिए त्रिभुवन कीर्ति रस का सेवन करना पूरी तरह सुरक्षित है।
Brand Name | MRP | Manufacturer |
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Baidyanath Tribhuvankirti Ras Tablet (80 Tablet) | 116.00 | Shree Baidyanath Ayurved Bhawan Pvt Ltd |
Guapha Ayurveda Tribhuvan Kirti Ras (50 Tablet) | 270.00 | Gupta Ayurvedic Pharmacy Pvt Ltd |
Unjha Tribhuvan Kriti Rasa (40 Tablet) | 80.00 | Unjha Ayurvedic Pharmacy |
Dhootapapeshwar Tribhuvankeerti Rasa Tablet (50 Tablet) | 155.00 | Shree Dhootapapeshwar Ltd |
Patanjali Divya Tribhuvankirti Ras (40 Tablet) | 60.00 | Patanjali Divya Pharmacy |
Dabur Tribhuwankirti Ras (40 Tablet) | 58.00 | Dabur |
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